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ताकि बरकरार रहे आंखों की खूबसूरती

थकान, प्रदूषण और बढ़ती उम्र की वजह से कई ऐसी समस्याएं पैदा होती हैं, जो आंखों की सुंदरता को प्रभावित करती हैं। अगर शुरू से ही कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इससे आपकी आंखों की ख़्ाूबसूरती बरकरार रहेगी।

By Edited By: Published: Sat, 20 Jun 2015 02:59 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2015 02:59 PM (IST)
ताकि बरकरार रहे आंखों की खूबसूरती
थकान, प्रदूषण और बढती उम्र की वजह से कई ऐसी समस्याएं पैदा होती हैं, जो आंखों की सुंदरता को प्रभावित करती हैं। अगर शुरू से ही कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इससे आपकी आंखों की ख्ाूबसूरती बरकरार रहेगी।

जब भी हम किसी से पहली बार मिलते हैं तो सबसे पहले हमारा ध्यान उसकी आंखों की ओर जाता है। अगर आंखें स्वस्थ और चमकदार हों तो इससे चेहरे का आकर्षण अपने आप बढ जाता है, लेकिन डार्क सर्कल्स, आंखों के चारों ओर सूजन और बारीक रेखाएं आदि ऐसी समस्याएं हैं, जिससे चेहरे की सारी रौनक ख्ात्म हो जाती है। क्यों होती हैं,आंखों से जुडी ऐसी समस्याएं और क्या है इनका समाधान आइए जानते हैं सखी के साथ।

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आंखों में सूजन

आपने भी यह नोटिस किया होगा कि कुछ स्त्रियों की आंखें देखकर ऐसा लगता है कि वे अभी-अभी सोकर उठी हों। सर्दी-जुकाम, एलर्जी, कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने, नींद की कमी या बहुत ज्य़ादा देर तक सोने की वजह से भी ऐसी समस्या होती है। इसके अलावा थायरॉयड या किडनी संबंधी समस्या होने पर भी आंखों के आसपास सूजन आ सकती है।

बचाव : सुबह सोकर उठने के बाद थोडी देर तक आंखों के आसपास सूजन दिखाई देना स्वाभाविक है। अगर आपके साथ ऐसी समस्या हो तो चिंतित न हों क्योंकि दोपहर तक ऐसी सूजन अपने आप ठीक हो जाती है। अगर यह सूजन ज्य़ादा देर तक बनी रहती है तो इसे दूर करने करने के लिए आंखें बंद करके उसके ऊपर पांच मिनट तक ठंडे पानी में भिगोया हुआ टीबैग या खीरे के स्लाइस रखें। इससे आंखों की सूजन आसानी से कम हो जाती है। इस समस्या से बचने के लिए पेट के बल न सोएं। इससे आंखों के आसपास की मांसपेशियां दब जाती हैं और सूजन दिखाई देने लगती है। अगर यहां बताए गए घरेलू उपचार अपनाने के बाद भी आंखों का सूजन दूर न हो तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। वैसे आजकल बाजार में विटमिन ए, के और विटमिन सी से युक्त क्रीम और सीरम भी उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल इस समस्या से राहत दिलाता है। अगर समस्या ज्य़ादा गंभीर हो तो इसे दूर करने के लिए बोटॉक्स के इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं, पर इससे आंखों की दृष्टि कमजोर होने का ख्ातरा रहता है। इसलिए त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही यह इंजेक्शन लगवाने का निर्णय लेना चाहिए।

डार्क सर्कल्स

आंखों के चारों ओर पडऩे वाले काले निशान से ज्य़ादातर स्त्रियां परेशान नजर आती हैं। नींद पूरी न होना, मानसिक तनाव, ज्य़ादातर समय धूप में बिताना, लगातार आंखों को थकाने वाले काम करना, खानपान में पोषक तत्वों की कमी, ज्य़ादा हार्श क्लीजर का इस्तेमाल आदि कई ऐसी वजहें हैं, जो डार्क सर्कल्स के लिए जिम्मेदार होती हैं। साइनोसाइटिस (बंद नाक की समस्या), एलर्जी और एस्थमा से पीडित लोगों को भी यह समस्या हो जाती है। इसके अलावा डिलिवरी के बाद ज्य़ादातर स्त्रियों को यह समस्या हो जाती है। आनुवंशिक कारणों की वजह से कुछ लोगों की आंखों की बनावट ऐसी होती है, जिसमें आईबॉल्स काफी अंदर की तरफ धंसी होती है। ऐसी स्थिति में अगर मामूली डार्क सर्कल्स हों तो भी वे ज्य़ादा स्पष्ट रूप से सामने दिखाई देते हैं। दरअसल आंखों के आसपास की त्वचा बहुत कोमल और पारदर्शी होती है। इसलिए प्रदूषण और धूप के संपर्क में आने के बाद यहां की त्वचा की रंगत सबसे पहले काली पड जाती है।

बचाव : रोजाना कम से कम आठ घंटे की नींद लें। दिन के वक्त घर से बाहर निकलते समय सन ग्लासेज पहनना न भूलें। अगर आंखों के चारों ओर काले निशान दिखाई दें तो कच्चे आलू या खीरे का पेस्ट लगाएं। इससे बचाव के लिए बाजार में कई तरह के अंडर आई क्रीम और जेल उपलब्ध हैं, जिनमें विटमिन बी, सी और पोटैशियम का मिश्रण होता है। ये चीजें आंखों के आसपास की कोमल त्वचा को डार्क सर्कल्स से बचाती हैं। वाटर बेस्ड और सोप फ्री क्लींजर का इस्तेमाल करें। आंखों के आसपास की त्वचा बहुत कोमल होती है। इसलिए दिन में कम से कम दो-तीन बार चेहरे पर मॉयश्चराइजर जरूर लगाएं। विटमिन सी, के और विटमिन ई से युक्त कई नाइट क्रीम्स बाजार में उपलब्ध हैं, जिनका नियमित इस्तेमाल आंखों को डार्क सर्कल्स से बचाता है।

फाइन लाइंस

आज की अति व्यस्त और तनावपूर्ण जीवनशैली में स्त्रियां अपनी सेहत और खानपान पर ध्यान नहीं दे पातीं। इससे युवावस्था में ही उनकी आंखों के चारों ओर बारीक रेखाएं दिखने लगती हैं। हंसने या उबासी लेने के दौरान चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है, जिससे आंखों के बगल में बारीक रेखाएं बनने लगती हैं। क्रैश डाइटिंग इसकी प्रमुख वजह है। अगर शरीर में पानी की कमी हो तो इससे कोशिकाएं सिकुड जाती हैं और झुर्रियों के रूप में इसका असर दिखाई देता है। चूंकि, आंखों के आसपास की त्वचा ज्य़ादा कोमल होती है। इसलिए बारीक रेखाएं सबसे पहले यहीं दिखाई देती हैं।

बचाव : प्रतिदिन कम से कम आठ से दस ग्लास पानी पीएं। अपनी डाइट में ताजा फलों के साथ जूस, छाछ, नीबू-पानी और लस्सी जैसे तरल पदार्थों की मात्रा बढाएं। हमेशा तनावमुक्त रहने की कोशिश करें। क्रैश डाइटिंग से बचें क्योंकि अचानक वजन कम होने के बाद त्वचा ढीली पड जाती है और इससे आंखों के आसपास झुर्रियां दिखने लगती हैं। इसे बचाव के लिए बाजार में विटमिन ्य और ए से युक्त रेटिनॉयड कंटेनिंग क्रीम उपलब्ध है। आंखों के आसपास नियमित रूप से मॉयस्चराइजर लगाएं। अगर समस्या बहुत ज्य़ादा हो तो ब्लेफरोप्लास्टी नामक प्लास्टिक सर्जरी का भी इस्तेमाल किया जाता है।

जैंथीलाज्मा

आपने अपने आसपास कुछ ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा, जिनकी आंखों के नीचे हलकी सूजन के साथ गहरे भूरे रंग के चकत्ते दिखाई देते हैं। दरअसल जिन लोगों के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ जाती है, उनकी आंखों के नीचे ऐसे लक्षण दिखाए देते हैं। आमतौर पर आनुवंशिक कारणों से यह समस्या होती है।

बचाव : घी-तेल, मैदा, मक्खन और नॉनवेज का सेवन सीमित मात्रा में करें। अपने भोजन में फाइबर युक्त चीजों जैसे दलिया, ओट्स, ब्राउन ब्रेड के साथ हरी सब्जियों और फलों को प्रमुखता से शामिल करें। लेजर ट्रीटमेंट इस समस्या का स्थायी समाधान है। इसके बाद त्वचा बिलकुल सामान्य दिखने लगती है।

आई मेकअप टिप्स

सही ढंग से किया गया आई मेकअप आंखों की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। इसलिए आंखों का मेकअप करते समय इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें :

-अगर आपकी आंखें बडी हैं तो सिर्फ भीतरी हिस्से में आईलाइनर से बहुत बारीक लाइन बनाएं।

-छोटी आंखों को बडी दिखाने के लिए आईलाइनर की आउटलाइन को आंखों से थोडा बाहर निकाल कर लगाएं। इससे आंखें बडी और आकर्षक नजर आएंगी।

-आजकल मैचिंग के बजाय कंट्रास्ट आई मेकअप का चलन है। मिसाल के तौर पर अगर किसी पार्टी में जाने के लिए आपको ब्लू कलर की ड्रेस पहननी है तो उसके साथ आई मेकअप के लिए रेड या किसी दूसरे कंट्रास्ट कलर के आई लाइनर का चुनाव करें।

-आजकल आंखों में बिना काजल के केवल पलकों पर हलके एक्सटेंडेड लाइनर का इस्तेमाल चलन में है।

-अगर आप चाहें तो पार्टी जैसे ख्ाास अवसरों पर आंखों के भीतरी हिस्से में व्हाइट पेंसिल का इस्तेमाल करें और उसके बाहर ब्लैक आई लाइनर से बहुत शार्प आउट लाइन बनाएं।

-ऑफिस जाने के लिए केवल ब्लैक काजल या आई लाइनर का इस्तेमाल ठीक रहता है।

-अगर आप लिप्स के मेकअप को ज्य़ादा हाइलाइट करना चाहती हैं तो आंखों का मेकअप को हलका रखें। यदि आई मेकअप को उभारना चाहती हैं तो हलके रंग की लिपस्टिक का इस्तेमाल करें।

-आई पेंसिल को शार्प करने से पहले उसे थोडी देर फ्रिज में रख दें। इससे पेंसिल टूटेगी नहीं।

-अगर डार्क सर्कल्स की समस्या है तो उसे छिपाने के लिए काजल या आईलाइनर लगाने से पहले कंसीलर और कॉम्पैक्ट पाउडर का इस्तेमाल करें।

गुंजन गौड, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर

एल्प्स कास्मेटिक क्लिनिक दिल्ली

विनीता

(मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल गुडग़ांव की सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. शैली कपूर से बातचीत पर आधारित)


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