Move to Jagran APP

सर्दियों में बचें एलर्जी से

सर्दी सबको भाती है। मगर कुछ लोगों के लिए यह एलर्जी का कारण भी होती है। यदि एलर्जी या एस्थमा जैसी शिकायत हो तो इस मौसम में अपने घर को कीटाणु-मुक्त रखने की कोशिश करें, क्योंकि ज्य़ादातर एलर्जी के कीटाणु घर में ही मौजूद होते हैं।

By Edited By: Published: Sat, 27 Dec 2014 03:28 PM (IST)Updated: Sat, 27 Dec 2014 03:28 PM (IST)
सर्दियों में बचें एलर्जी से

सर्दी सबको भाती है। मगर कुछ लोगों के लिए यह एलर्जी का कारण भी होती है। यदि एलर्जी या एस्थमा जैसी शिकायत हो तो इस मौसम में अपने घर को कीटाणु-मुक्त रखने की कोशिश करें, क्योंकि ज्य़ादातर एलर्जी के कीटाणु घर में ही मौजूद होते हैं। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल गुडग़ांव के जनरल िफज्िाशियन डॉ. सतीश कौल बता रहे हैं एलर्जी से बचाव के कुछ गुर।

loksabha election banner

माना जाता है कि मार्च-अप्रैल के महीने में लोग स्किन एलर्जी से ज्य़ादा परेशान होते हैं। मगर यह भी सच है कि जो लोग एलर्जिक होते हैं, सर्दियों में उन्हें ज्य़ादा परेशानी होती है। कुछ लोगों को इस मौसम में हमेशा सर्दी-ज्ाुकाम की समस्या से जूझना पडता है। कुछ लोगों की नाक बहने लगती है, छीकें आती हैं, गले में ख्ाराश होने लगती है और कफ बनता है। मौसमी सर्दी-ज्ाुकाम तो ठीक हो जाता है, मगर एलर्जी लंबे समय तक तंग करती है। सर्दियों में नेत्र रोग भी परेशान करते हैं। यदि बीच-बीच में बारिश न हो तो सर्दियों में प्रदूषण भी बढ जाता है। कोहरे के कारण आंखों में जलन, खुजली या लालिमा की शिकायत हो सकती है। पर्याप्त धूप न मिलने के कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शंस के अलावा डैंड्रफ की समस्या बढ जाती है।

मौसम में छिपे कारण

धूल-मिट्टी के कणों, जानवरों के बालों या परफ्यूम आदि के इस्तेमाल से एलर्जी की आशंका ज्य़ादा रहती है। यूं तो ये सारी चीज्ों साल भर वातावरण में रहती हैं, लेकिन सर्दियों में ज्य़ादा सक्रिय हो जाती हैं। एक और वजह यह है कि सर्दियों में लोग घर बंद कर लेते हैं, ऊनी कपडे पहनते हैं, कंबल-रजाई का इस्तेमाल करते हैं, साथ ही बंद घरों में हीटर का प्रयोग करते हैं। इनके कारण भी एलर्जी की समस्या बढ जाती है। जैसे ही घर का वातावरण अनुकूल होता है, एलर्जी फैलाने वाले बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं। इनकी वजह से सर्दी-ज्ाुकाम, आंखों में जलन या स्किन एलर्जी होने लगती है। यदि ये सब लक्षण एक हफ्ते से अधिक दिखें तो डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।

कुछ और भी हैं वजहें

एलर्जी फैलाने वाले बैक्टीरिया एस्थमा के रोगियों को सर्वाधिक परेशान करते हैं। इसके अलावा ठंड के मौसम में दरी, कंबल, कार्पेट या रजाई में बैक्टीरिया बहुत पनपते हैं। घर में पेट्स हैं तो उनके बालों के ज्ारिये भी ये बैक्टीरिया इधर-उधर फैलते हैं। पशुओं के बालों के अलावा उनके लार और मल-मूत्र में भी ये बैक्टीरिया होते हैं, जो जूतों, कपडों में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं।

ऐसे करें बचाव

1. घर में हवा की आवाजाही की पर्याप्त व्यवस्था हो। सर्दियों में कंबल, ऊनी कपडों, कार्पेट्स, सॉफ्ट टॉयज्ा में छोटे-छोटे कीटाणु छिप कर बैठ जाते हैं। इसके अलावा कई बार लोग सर्दियों में घर के खिडकी-दरवाज्ो बंद कर लेते हैं और रूम हीटर चलाते हैं। घर बंद रहने से धूप नहीं आ पाती और बैक्टीरिया भी पनपने लगते हैं। इसी की वजह से एग्ज्ाीमा की समस्या पनपती है।

2. सोफे, कार्पेट्स, सॉफ्ट टॉयज्ा की सफाई नियमित करें। रुई वाले रजाई-गद्दों को हर हफ्ते धूप दिखाएं। स्वेटर्स, कोट को भी नियमित धूप दिखाते रहें। रूम हीटर्स, एसी की नियमित सफाई करें।

3. सजावटी पौधे भी एलर्जी की वजह बन सकते हैं। यदि एलर्जी की समस्या है तो इस मौसम में इंडोर पौधों के बजाय आर्टिफिशियल पौधे कमरे में रखें। एलर्जी या एस्थमा के रोगियों को घर में कार्पेट्स या पेट्स रखने से बचना चाहिए। यदि कार्पेट बिछाते हों तो हफ्ते-दस दिन में एक बार इन्हें धूप में अवश्य सुखाएं।

4. घर के भीतर धूम्रपान, सेंटेड अगरबत्तियों और तेज्ा परफ्यूम के प्रयोग से बचें।

5. गाडी के सीट कवर्स, बेसमेंट, सीढिय़ों या छत की सफाई भी नियमित करें। उन स्थानों की सफाई पर ध्यान दें, जहां कीटाणु पनप सकते हों। दिन में एक बार घर के भीतर धूप ज्ारूर आने दें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.