वे उस घड़ी को कोस रहे थे जब वे रिटायर हुए थे
"है भगवान मैं तो तंग आ गई आप से। अगर अभी बंद नहीं किया तो आज खाना नहीं बनाऊंगी। समझ गए। " राम बाबू शांत बैठ गए। वे उस घड़ी को कोस रहे थे जब वे रिटायर हुए थे।
राम बाबू अखबार पढ़ने लगे। "अरे चाय पीलो न। ठंडी हो रही है। रोजाना सवेरे सवेरे इससे मगज मारते हो। क्या रखा है इसमें ?" "बस टाइम पास हो जाता है। मैं तुम्हारे तो किसी काम में अड़ंगा नहीं डालता। वो मनीराम की बहू काम धाम नहीं करती। ऊपर से कुछ कहो तो सामने बोलती है। खाना अपनी मर्जी से बना देती है। "
"अरे भाई ,तुम क्यों हर काम में दखल देना चाहती हो। उसे करने दो। " राम बाबू अखबार में फिर खो गए। पत्नी ने अखबार छीन कर जमीन पर पटक दिया। और पैर पटकते हुए चली गई।
राम बाबू जी टी वी पर मैच देख रहे थे।
"अरे ये खाना कब खाना खाना है। "
"तुम खा लो ,मेरा रख दो मैं बाद में खा लूंगा। "
"अरे अगर इंडिया हारा तो आपका क्या जाएगा ?और जीता तो कौन सी जागीर मिल जाएगी?"
"प्लीज़ यार देखने दो। बस चार ओवर बचे हैं। 20 मिनट और बस। "
" वो दूध वाला घंटी बजा रहा है। खोल दो न ,मैं खाने में व्यस्त हूँ। उसको डांट लगाना ,दूध पतला आ रहा है आजकल। " राम बाबू नहीं उठते। पत्नी आकर टी वी बंद कर देती है।
राम बाबू योगासन कर रहे हैं।
"अरे आप ये क्या फुस फुस कर रहे हो। इससे क्या वजन कम होगा? खामख्वाह के काम करते रहते हो। आप सनकी बहुत हो। जाओ ब्रेड ले आओ बाजार से। "
"15 मिनट बाद ले आऊंगा ,चिंता मत करो। अभी योगा समाप्त करता हूँ?"
"है भगवान मैं तो तंग आ गई आप से। अगर अभी बंद नहीं किया तो आज खाना नहीं बनाऊंगी। समझ गए। "
राम बाबू शांत बैठ गए। वे उस घड़ी को कोस रहे थे जब वे रिटायर हुए थे।