खुदा को खोजना नहीं, बल्कि जानना जरूरी है
वह व्यक्ति घबरा गया और उसने कहा यह क्या किया आपने? इससे आपको दर्द होगा। जुन्नैदा ने कहा, दर्द दिखता नहीं महसूस होता है।
सूफी फकीर जुन्नैदा से किसी ने पूछा, 'खुदा है तो दिखाई क्यों नहीं देता?' जुन्नैदा ने कहा, 'खुदा कोई वस्तु नहीं है। वह अनुभूति है।' उसे देखने के लिए कोई उपाय नहीं है। हां, उसे अनुभव जरूर किया जा सकता है।
फकीर की ये बातें उस व्यक्ति को संतुष्ट नहीं कर सकीं। उसने फिर कहा, 'ऐसा कैसे है? क्या ये संभव है।' जुन्नैदा ने तभी अपने पास रखा पत्थर उठारक जोर से अपने पैर पर पटक दिया। जुन्नैदा के पैर से खून बहने लगा।
वह व्यक्ति घबरा गया और उसने कहा यह क्या किया आपने? इससे आपको दर्द होगा। जुन्नैदा ने कहा, दर्द दिखता नहीं महसूस होता है। ठीक इसी तरह खुदा है लेकिन वह दिखाई नहीं देता। वह हर व्यक्ति के दिल में मौजूद रहता है। खुदा को खोजना नहीं, बल्कि जानना जरूरी है।