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जी ले जरा अपने ख्वाबों को..

हम सभी सफल और खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हैं। हमारी सफलता में हमारे सपनों का बड़ा महत्व है। हममें से शायद ही कोई ऐसा हो जिसने सपने न देखें हों। बिना सपनों के सफलता की कल्पना थोड़ी अविश्वसनीय लगती है। आपने बहुत सी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ी होंगी तथा जाना होगा कि सपन

By Edited By: Published: Sat, 22 Mar 2014 12:12 PM (IST)Updated: Sat, 22 Mar 2014 12:12 PM (IST)
जी ले जरा अपने ख्वाबों को..

हम सभी सफल और खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हैं। हमारी सफलता में हमारे सपनों का बड़ा महत्व है। हममें से शायद ही कोई ऐसा हो जिसने सपने न देखें हों। बिना सपनों के सफलता की कल्पना थोड़ी अविश्वसनीय लगती है। आपने बहुत सी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ी होंगी तथा जाना होगा कि सपनों का कितना महत्व है। सपने सचमुच हमें महान बनाते हैं तथा विश्व के सभी महान व्यक्ति स्वप्न दृष्टा थे।

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सपने क्या हैं

सपने हमारे अचेतन मन की चेतना हैं। वे हमारे अचेतन मन में दबी हुई वो इच्छाएं व कल्पनाएं हैं जिन्हें या तो हम तुरंत पूरा करना चाहते हैं, या जिनको पूर्ण होते न देखकर हम वास्तविक जिंदगी में हिम्मत हार बैठे हैं। सपने सुंदर व डरावने दोनों प्रकार के हो सकते हैं। डरावने सपने हमें वास्तविक जिंदगी में की गयी उन गल्तियों के कारण आते हैं जिन्हें हम जानकर भी स्वीकार नहीं करना चाहते। सुंदर सपने हमारी शुभ परिकल्पनाओं का परिणाम होते हैं। दोनों तरह के सपनों का उद्देश्य आपको प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाना ही है। डरावने सपने हमें वास्तविक जिंदगी में अपनी आत्मा की इच्छा के विरुद्ध कोई कार्य न करने की सीख देते हैं तथा सुंदर सपने सफलता की राह पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

सपने दिखने में तो प्रतीकात्मक हो सकते हैं, लेकिन उनका हमारी वास्तविक जिंदगी से या क्रियाकलापों से गहरा संबंध होता है। हमारे धार्मिक ग्रंथ रामायण व बाइबिल भी हमें सपनों के महत्व के बारे में बताते हैं। इजराइल की खोज व ईसा मसीह के जन्म की भविष्यवाणी सपनों पर ही आधारित थी। रामायण में पार्वतीजी ने सीताजी के सपनों को पूर्ण करने का ही आशीर्वाद निम्न छंद में दिया है

मन जाहि राचेउ मिलिहि सो वर सहज सुंदर सांवरो सपने तथा उनके अर्थ को दैवीय संवाद व दैवीय कृपा माना जा सकता है।

सपनों की शक्ति

एक बहुत ही सफल व्यवसायी से जब यह पूछा गया कि उन्होंने जिंदगी में इतनी सफलता कैसे पायी तो उनका जवाब था, सपने देखकर। मैंने बड़े सपने देखे तथा उनको पूरा करने का सार्थक प्रयास किया। रात में सोने से पूर्व मैंने अपने लक्ष्य के बारे में सोचा, रात में सपने देखे तथा जागने पर उन्हें पूरा करने का उत्साह पाया। जब लोग मेरे सपनों के बारे में कह रहे थे कि ये कभी पूरे नहीं हो सकते मैं उन्हें पूरा करने की राह पर अग्रसर था। अपने सपने को समय से पूर्व सच करने के लिए उन्हें लोगों के साथ शेयर करना भी जरूरी होता है, लेकिन यह बहुत ही साहस का कार्य है। सपने आपकी योजना का ही एक स्वरूप हैं। समाज को हमेशा बड़े सपने देखने वालों की तथा उन्हें पूरा करने वालों की दरकार रहती है।

शुरू में आपके सपने असंभव दिख सकते हैं, कुछ समय बाद वे असंभव की जगह कठिन दिखने लगते हैं और जब आपकी इच्छाशक्ति उन्हें पूरा करने की ठान लेती है तो वो निश्चित लगने लगते हैं। बगैर सपनों के जिंदगी उत्साहीन हो जाती है। हमारे सपने हमारे जीवन में नयी आशा व उत्साह का संचार करते हैं।

सपनों की शक्ति की सच्ची कहानी

विकलांग विल्मा रुडोल्फ ने जीते तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक। विल्मा रुडोल्फ का जन्म टेनेसी के एक गरीब घर में हुआ था। चार साल की उम्र में उसे दोहरा निमोनिया और लाल बुखार हो गया। इसी दौरान उसे पोलियो हो गया और वह विकलांग हो गई। उसे पैरों में लोहे के ब्रेस पहनने पड़े और डॉक्टरों ने कहा कि वह कभी भी नहीं चल पायेगी।

विल्मा की मां ने उसका हौसला बढ़ाया। उन्होंने विल्मा से कहा कि ईश्वर द्वारा दी गई योग्यताओं में आस्था और उसमें श्रद्धा रखते हुए वह लगन से जो कुछ भी पाना चाहती है पा सकेगी। विल्मा ने मां से कहा मां, मैं दुनिया की सबसे तेज दौड़ने वाली महिला बनना चाहती हूं।

नौ साल की उम्र में उसने डाक्टरों की राय के विरुद्ध जिद करके अपने ब्रेस निकलवा दिए और धरती पर पहला कदम रखा, जिसके बारे में डाक्टरों का कहना था कि यह कभी नहीं हो पाएगा। तेरह की उम्र में उसने पहली रेस में भाग लिया और वह न सिर्फ सबसे अंतिम स्थान पर आई, बल्कि बहुत बुरी तरह से अंतिम आई।

15 वर्ष की अवस्था में वह टेनेसी राज्य विश्वविद्यालय में गई जहां उसे कोच एड टेंपल मिले। विल्मा ने टेंपल से कहा कि वह सबसे तेज दौड़ना चाहती है। टेंपल ने उससे कहा, यदि तुममें इतना आत्मविश्वास है तो तुम निश्चित ही सफल होगी और मैं इसमें तुम्हारी मदद करूंगा।

विल्मा ने रात दिन एक कर दिया और अपने प्रदर्शन को सुधारती गई। एक दिन आया जब उसे ओलंपिक में भाग लेने का मौका मिल ही गया। विल्मा का सामना यूटा हैन से हुआ जिसे अभी तक कोई नहीं हरा सका था। पहली रेस 100 मीटर की थी। विल्मा ने यूटा को हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया। दूसरी रेस 200 मीटर की थी। इसमें भी विल्मा ने यूटा को हरा दिया और दूसरा स्वर्ण पदक जीत लिया। तीसरी रेस 400 मीटर की रिले रेस थी और विल्मा यहां भी यूटा का सामना कर रही थी। रिले रेस में सबसे तेज धावक अंतिम चक्र में दौड़ता है। विल्मा और यूटा दोनों ही अपनी-अपनी टीमों में अंतिम धाविका थीं। पहली तीन धाविकाओं ने अपने बैटन आसानी से बदल लिए, लेकिन जब विल्मा की बारी आई तो उसके हाथों से बैटन छूट गई। जब विल्मा ने यूटा को दूसरे छोर पर दौड़ना शुरू करते देखा तो उसने पलटकर अपनी बैटन उठाई और मशीन की तरह दौड़ी। विल्मा ने यूटा को तीसरी बार फिर हरा दिया और अपना तीसरा स्वर्ण पदक जीत लिया। ऐसा करिश्मा इतिहास में फिर नहीं हुआ। 1960 के ओलंपिक में एक विकलांग युवती विश्व की सबसे तेज दौड़ने वाली धाविका बन गई।

विल्मा के करिश्मे से हम क्या सीखते हैं? यह हमें बताता है कि सफल व्यक्ति अपनी सफलता समस्याओं की अनुपस्तिथि में नहीं वरन उनके विरुद्ध अर्जित करते हैं।

सपनें हमें जीना सिखाते हैं

सपने हमें जीने की शिक्षा व प्रेरणा देते हैं। सपनों के सिद्धांत हमें वास्तविक जिंदगी जीने में हमारी मदद करते हैं तथा हमें सतत् प्रयास व अभ्यास करने की प्रेरणा देते हैं। उन्हीं का जीवन सफल है, जो अपने सपनों की सुंदरता में विश्वास करते हैं। कुछ लोग ऐसा समझते हैं कि सपने वास्तविक नहीं होते, क्योंकि वो किसी दृव्य व कण से निर्मित नहीं होते, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है, क्योंकि सपने हमारे दृष्टिकोण, कल्पनाओं, स्मृतियों और आशंकाओं का प्रतीकात्मक स्वरूप ही होते हैं।

आइए आज ही अपना कोई लक्ष्य निर्धारित कीजिए। उस लक्ष्य को पूर्ण करने को अपनी जिंदगी का उद्देश्य बनाने के सपने देखिए तथा उसे जीने की सार्थक कोशिश कीजिए। बगैर लक्ष्य के जिंदगी जीना तथा सपने न देखना अपने प्रति अमानवीय व्यवहार व निर्दयता ही है। अपनी जिंदगी अपने सपनों के अनुसार जीना निश्चित ही एक साहसिक कार्य है। हमेशा याद रखें यदि आपके अंदर प्रबल इच्छा शक्ति, धैर्य तथा जुनून है तो आप अपने सपने समय से पूर्व पूरा कर सकती हैं।

दूसरों का आभार व्यक्त करें

आज तक की आपकी जिंदगी व सफलता किसी न किसी के सपने का ही परिणाम है। दुनियां में कोई न कोई ऐसा है जिसने आपके सुरक्षित व सफल भविष्य के बारे में सपने देखे थे। जब आप चुनौतियों का सामना कर रहे थे तो वो स्वप्न दृष्टा आपके साथ-साथ कष्ट उठा रहे थे। आज भी कोई न कोई आपको हर क्षेत्र में सफल देखना चाहता है तथा आपके सपनों में अपने सपने देखता है। आज आप अपने उस स्वप्नदृष्टा को पहचानिए। यदि वो आपके साथ हैं तो उनका व्यक्तिगत रूप से आभार व्यक्त करिए अन्यथा फोन या मोबाइल उठाइए तथा उनके प्रति आदर व सम्मान व्यक्त करिए तथा वादा करिए कि आप उनके सपनों को अधूरा नहीं छोडे़ंगी।


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