जीवन के उस पार
मृत्यु क्या है? जीवन का अंत या एक नए जीवन की शुरुआत? क्या इस जीवन के पार भी कोई जीवन है और यदि है तो वह कैसा है? सरश्री ने अपनी पुस्तक 'पृथ्वी लक्ष्य: मृत्यु का महासत्य' में इस गूढ़ रहस्य पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने सिद्धार्थ के संन्यास लेने की घटना में कल्पना के रंग भरते हु
मृत्यु क्या है? जीवन का अंत या एक नए जीवन की शुरुआत? क्या इस जीवन के पार भी कोई जीवन है और यदि है तो वह कैसा है? सरश्री ने अपनी पुस्तक 'पृथ्वी लक्ष्य: मृत्यु का महासत्य' में इस गूढ़ रहस्य पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने सिद्धार्थ के संन्यास लेने की घटना में कल्पना के रंग भरते हुए मनुष्य को इस सत्य से अवगत कराने का प्रयास किया है कि जिन चीजों से भागकर वह मोक्ष लेने या दुनिया छोड़ने की बात सोचता है, वह दरअसल एक छलावा है। सरल और सहज भाषा का प्रयोग करते हुए सरश्री ने मनुष्य के मन में मृत्यु को लेकर मौजूद तमाम शंकाओं, उलझनों, डर, तकलीफों को दूर करने का प्रयास किया है। सिद्धार्थ और बालक राहुल के मध्य मृत्यु और उसके महासत्य को लेकर हुए प्रश्नोत्तर ने इस सत्य को जानने के मार्ग को काफी रोचक बना दिया है। तेजज्ञान ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के नाम से ही स्पष्ट है कि हम सब इस पृथ्वी पर एक लक्ष्य को लेकर आए हैं। यह हमारे व्यक्तिगत लक्ष्य से अलग है लेकिन यह लक्ष्य क्या है और मृत्यु उपरांत नए जीवन में किस प्रकार से उपयोगी सिद्ध होता है, इसे आप पुस्तक पढ़ने के बाद ही समझ पाएंगे!