खुद से तो अच्छी बात करो
अगर अपने पूरे जीवन को देखा जाए तो जितनी बातें हम खुद से करते हैं, उतनी किसी और से नहीं की होंगी। जब भी खाली समय मिलता है हम खुद से बातें करने लगते हैं। परिस्थिति कोई भी हो, 'स्वसंवाद' का यह सिलसिला प्रारंभ हो जाता है। स्वसंवाद यानी स्वयं से बातचीत करना। इसे एकांत में, मन म्
अगर अपने पूरे जीवन को देखा जाए तो जितनी बातें हम खुद से करते हैं, उतनी किसी और से नहीं की होंगी। जब भी खाली समय मिलता है हम खुद से बातें करने लगते हैं। परिस्थिति कोई भी हो, 'स्वसंवाद' का यह सिलसिला प्रारंभ हो जाता है। स्वसंवाद यानी स्वयं से बातचीत करना। इसे एकांत में, मन में या समूह में दोहराने से जीवन में अप्रत्याशित परिवर्तन भी हो सकता है पर यह तभी कारगर होता है जब इंसान अपने मन, शरीर, बुद्धि, चेतना और लक्ष्य पर नियंत्रण रखता है। सरश्री द्वारा लिखी गई पुस्तक 'स्वसंवाद का जादू' स्वसंवाद के माध्यम से उत्तम जीवन पाने के रहस्य से परिचित कराती है। मूलत: 5 खण्डों में विभक्त इस प्रभावशाली पुस्तक के हरेक खण्ड में स्वसंवाद के महत्व को गहराई से समझाया गया है। इससे पाठक सुख-दु:ख के रहस्य, विचारों की दिशा, स्वसंवाद संदेश, रोग निवारण, सेल्फ रिमोट कंट्रोल, कार्य की पूर्णता, नफरत से मुक्ति, उत्तम स्वसंवाद और नए विचारों को प्राप्त करने के प्रभावी उपाय जान सकते हैं। इस पुस्तक में कहानियों और उदाहरणों का अनूठा प्रयोग पाठकों को आकर्षित करता है। तेजज्ञान ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित 'स्वसंवाद का जादू' में अधिकतम सरल शब्दों का ही प्रयोग हुआ है, जिससे पाठकों का हर वर्ग आसानी से शब्दों के सार ग्रहण कर लेता है।