विहिप, बजरंग दल और राजनेता भी भंसाली के विरोध में उतरे
फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर तीन दिन पूर्व शुरू हुआ बवाल अभी भी जारी है।
जयपुर, जागरण संवाद केन्द्र। फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर तीन दिन पूर्व शुरू हुआ बवाल अभी भी जारी है। राजपूत महासभा, श्री राजपूत करणी सेना के बाद अब विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल सहित अन्य संगठन इस मामले में भंसाली के खिलाफ लामबंद हो गए। इन संगठनों ने चेतावनी दी है कि पहले तो फिल्म का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा और यदि कही गुपचुप में फिल्म बन भी गई तो देश में कही भी इसका प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा। इस मामले में राजनीतिक दल भी भंसाली के खिलाफ सक्रिय हो गए।
नहीं बनने और चलने देंगे पद्मावती
एक सामाजिक कार्यकर्ता सुरज सोनी ने जयपुर के झोटवाड़ा पुलिस थाने में संजय भंसाली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें राजस्थान के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने भी भंसाली की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि टीआरपी के चक्कर में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। चाहे बाजीराव मस्तानी हो, जोधा अकबर हो या अब पद्मावती, संजय लीला भंसाली का कद इतना बड़ा नहीं हुआ है कि वो इतिहास के साथ छेड़छाड़ करें।विश्वेन्द्र सिंह ने करणी सेना द्वारा किये गए विरोध को जायज बताया है। राष्टï्रीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने फिल्म की शूटिंग पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। एक बयान में उन्होंने कहा कि रानी पद्मनी ने अपने कुल और देश की इज्जत के लिए 16 हजार महिलाओं के साथ जौहर (आग में कूद गई थी) कर लिया था। मीणा ने कहा कि इस मामले में राजपा करणी सेना के साथ है।
विहिप अध्यक्ष नरपत सिंह शेखावत ने कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। काल्पनिक कथानक पर मन मुताबिक कहानी दिखाने को कोई भी फिल्मकार स्वतंत्र है लेकिन जब कथानक ऐतिहासिक हो तो फिल्मकार की इतिहास के प्रति गंभीर जवाबदेही होती है।
भंसाली का विरोध करते हुए विहिप के प्रांत मीडिया प्रभारी रविंद्र शर्मा ने बताया कि जब इतिहास पर आधारित फिल्म बना रहे हैं तो सीमा रेखा तय करनी होगी कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर क्या दिखा सकते है। प्रदेश मंत्री नरपत सिंह शेखावत ने कहा कि जिस महारानी पद्मावती ने सतीत्व की रक्षा के लिए हजारों राजपूत वीरांगनाओं के साथ जौहर किया। उन्होंने कहा कि ड्रीम सीक्वेंस के नाम पर उनके साथ अलाउद्दीन खिलजी के प्रेम दृश्य का फिल्मांकन न केवल भंसाली का बौद्धिक दिवालियापन हैं, बल्कि इतिहास के प्रति उनके अविवेकपूर्ण दुस्साहस का भी परिचायक है, जबकि इतिहास तो यह है कि अलाउद्दीन खिलजी एक क्रूर ही नहीं बल्कि धूर्त खलनायक था।
उल्लेखनीय है कि फिल्म पद्मावती में चित्तौड़ की रानी पद्मनी को अलाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका बताकर निर्माण किए जाने से नाराज श्री करणी सेन के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जयपुर के जयगढ़ पैलेस में भंसाली के साथ अभद्र व्यवहार किया और सेट पर तोडफ़ोड़ की थी। इसके बाद भंसाली ने यहां शूटिंग नहीं करने का निर्णय लिया और वे मुम्बई लौट गए।