वेंकैया समेत 4 भाजपा प्रत्याशियों ने राज्यसभा के लिए भरा नामांकन
राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनावों के लिए केंद्रीय मंत्री वैकेंया नायडू सहित भारतीय जनता पार्टी के चार प्रत्याशियों ने सोमवार को अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। नायडू ने कहा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही राजस्थान की मुख्यमंत्री, यहां के विधायकों का शुक्रिया करता हूं।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनावों के लिए केंद्रीय मंत्री वैकेंया नायडू सहित भारतीय जनता पार्टी के चार प्रत्याशियों ने सोमवार को अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। राजस्थान विधानसभा के सचिव पृथ्वी राज के समक्ष केंद्रीय मंत्री वैकेंया नायडू, पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर, डूंगरपुर राजघराने से जुड़े हर्षवर्धन सिंह और दलित वर्ग के राम कुमार वर्मा ने नामांकन पत्र दाखिल किए। नामांकन पत्र पर 10-10 प्रस्ताव विधायकों ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा के राष्टï्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव और मंत्रिमंडल के सदस्य, पार्टी के विधायक भी मौजूद थे। नामांकन दाखिल करने के बाद सभी प्रत्याशियों ने विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल से शिष्टïाचार मुलाकात की।
नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत में वैकेंया नायडू ने कहा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही राजस्थान की मुख्यमंत्री, यहां के विधायकों का शुक्रिया करता हूं कि मुझे यहां राजस्थान से राज्यसभा में भेजने का मौका दिया गया है। मैं अब पहले से ज्यादा राजस्थान पर ध्यान दूंगा। केंद्र और राजस्थान में कांग्रेस ने बेपटरी स्थिति भाजपा को दी थी जिसे पटरी पर लाने का काम किया जा रहा है। इस कवायद में केंद्र में मोदी और राजस्थान में वसुंधरा सरकार कई मायनों में सफल हो रही है। केंद्र और राज्य के बीते दो साल उपलब्धियों से भरे रहे हैं। इसकी पार्टी और आमजन को खुशी है।
ओम प्रकाश माथुर ने राज्यसभा में भेजने का निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री एवं विधायकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के मुद्दों को पहले भी वे केन्द्र के सामने रखते रहे हैं और अब भी प्रदेश के लिए योजनाओं एवं कार्यों की जरूरत है उसे केंद्र के सामने रखेंगे।
माथुर ने कहा कि पूरी पार्टी एकजुट है और जो भी नेतृत्व काम सौंपेगा। उसे पूरी निष्ठा के साथ पूरा करेंगे। उधर, पहली बार राज्यसभा जा रहे हर्षवर्धन और रामकुमार वर्मा ने भी खुशी जताई। दोनों ने कहा कि उन्हें राज्यसभा के लिए चुने जाने की पहले संकेत नहीं मिले थे। दोनों ने कहा कि इस बात की उन्हें उम्मीद नहीं थी। दोनों ने जनजाति क्षेत्रों के विकास और आमजन की समस्याओं के निस्तारण के प्रति आश्वस्त किया।