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राजस्थान सत्ता और संगठन में फेरबदल होगा

करीब दो वर्ष बाद होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य भाजपा सत्ता एवं संगठन में बड़े बदलाव की कवायद शुरू हो गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 12 Jul 2016 03:46 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jul 2016 03:54 AM (IST)
राजस्थान सत्ता और संगठन में फेरबदल होगा

जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। करीब दो वर्ष बाद होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य भाजपा सत्ता एवं संगठन में बड़े बदलाव की कवायद शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जहां मंत्रिमंडल में फेरबदल करेगी, वहीं भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी का भी पुनर्गठन होगा। कार्यकर्ताओं की बढ़ती नाराजगी को दूर करने के लिए संभाग एवं जिला स्तर पर सत्ता और संगठन की समन्वय समितियां भी अगस्त माह में गठित हो जाएगी।

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जानकारी के अनुसार रूस यात्रा पर रवाना होने से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 6 जुलाई को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, सह-संगठन महामंत्री वी. सतीश और महासचिव भूपेन्द्र यादव के साथ मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर विचार-विमर्श किया था। फेरबदल में वर्तमान मंत्रिपरिषद के अधिकांश सदस्यों के विभाग बदले जाएंगे।

सीएम की सबसे अधिक नाराजगी जल संसाधन मंत्री किरण माहेश्वरी, शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी और स्वायत्त शासन मंत्री राजपाल सिंह शेखावत को लेकर है। तीनों ही मंत्रियों से भाजपा विधायक और कार्यकर्ता नाखुश है। पिछले दिनों भाजपा विधायक की एक बैठक में देवनानी को लेकर तो विधायकों ने काफी हंगामा किया था। वहीं शेखावत पर आम जनता से नहीं मिलने और अफसरों के साथ अभद्र व्यवहार करने की शिकायतें सीएम से लेकर पार्टी आलाकमान तक पहुंच गई है।

सीएम के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि फेरबदल में सबसे अधिक फायदा समाज कल्याण मंत्री अरुण चतुर्वेदी को हो सकता है, उन्हें शिक्षा अथवा चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण महकमें मिल सकते हैं। वहीं चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को सार्वजनिक निर्माण अथवा जल संसाधन विभाग में से कोई एक मंत्रालय मिल सकता है।

वर्तमान मंत्रिमंडल में वसुंधरा के सबसे खास गजेन्द्र सिंह खींवसर को स्वायत्त शासन विभाग मिल सकता है। वहीं उनसे उद्योग विभाग लेकर राजपाल सिंह शेखावत को दिया जा सकता है। राज्य मंत्रिपरिषद में अभी 25 सदस्य है, 5 पद रिक्त है। इन पांचों रिक्त पदों को फेरबदल में भरा जाएगा। इधर प्रदेश कार्यकारिणी में अधिकांश वर्तमान पदाधिकारियों को हटाकर नए पदाधिकारी बनाए जाने को लेकर कसरत चल रही है। नए पदाधिकारी संघ की सलाह से ही बनाए जाएंगे। पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने अपनी मर्जी से जूनियर लोगों को पदाधिकारी बना दिया था।


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