राजस्थान सरकार और राजपरिवार आमने-सामने
जयपुर राजपरिवार की सम्पति राजमहल पैलेस को सरकार द्वारा कब्जे में लिए जाने के बाद राजस्थान सरकार और प्रदेश के राजघराने आमने-सामने होते नजर आ रहे है।
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। जयपुर राजपरिवार की सम्पति राजमहल पैलेस को सरकार द्वारा कब्जे में लिए जाने के बाद राजस्थान सरकार और प्रदेश के राजघराने आमने-सामने होते नजर आ रहे है। वहीं सियासी हलकों में भी उबाल आ गया। विशेषकर भाजपा से जुड़े राजघराने खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे है।
प्रदेश के सभी राजघराने जयपुर राजपरिवार के सम्पर्क में है और शीघ्र ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समक्ष विरोध दर्ज कराएंगे। इधर भाजपा विधायक और जयपुर राजपरिवार की सदस्य दिया कुमारी खुलकर अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई। उन्होंने कहा कि राजमहल पैलेस मेरे परिवार की सम्पति है, इसे किसी कीमत पर जयपुर विकास प्राधिकरण अथवा किसी अन्य को नहीं दिया जाएगा। दिया कुमारी ने कहा कि वे इस मामले में जनता के साथ सड़कों पर उतरेंगी।
उन्होंने कहा कि अफसर तानाशाही कर रहे है। वहीं कांग्रेस के राष्टï्रीय प्रवक्ता संदीप चौधरी ने एक बयान में कहा कि जिस तरह से राजमहल पैलेस की जमीन पर कब्जे की कार्रवाई की गई है,उससे लगता है कि जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त शिखर अग्रवाल मुख्यमंत्री के एजेंट के रूप में काम कर रहे है। राजपूत समाज की संस्था करणी सेना ने इस मामले में राज्य स्तर पर आंदोलन चलाने की घोषणा की है।
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष महिपाल सिंह ने कहा कि या तो सरकार जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त को हटाए नहीं तो राजपूत समाज सड़कों पर उतरेगा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने इस मामले में स्टेटस पेपर जारी करने की मांग की है।
जयपुर राजघराने की सम्पति राजमहल पैलेस पर कब्जे की कार्रवाई के बाद राज्य के विभिन्न राजघराने और छोटे ठिकानेदारों ने नाराजगी जताई है।
उदयपुर राजपरिवार के युवराज लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि राजपरिवारों की सम्पतियों पर बुलडोजर चलाने से पहले सरकार को सौ बार सोचना चाहिए।
जयपुर राजपरिवार के सदस्य एवं दिया कुमारी के पति नरेन्द्र सिंह ने कहा कि हम अपनी जमीन हर हाल में लेकर रहेंगे। उदयपुर राजपरिवार के चीफ एक्जुकेटिव शंभूसिंह ने भी इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई है। जानकारी के अनुसार भाजपा में राजपूत समाज के आधा दर्जन विधायकों ने एक केबिनेट मंत्री की मौजूदगी में आज एक बैठक कर अपनी ही सरकार के अधिकारियों के अनियंत्रित होने पर नाराजगी जताई।
उल्लेखनीय है कि 24 अगस्त को जयपुर विकास प्राधिकरण ने जयपुर राजपरिवार की सम्पति राजमहल पैलेस से सटी जमीन पर कब्जा लेकर होटल के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया था। कार्रवाई के दौरान भाजपा विधायक एवं राजपरिवार की सदस्य दिया कुमारी और जेडीए अधिकारियों के बीच काफी विवाद भी हुआ था।