जयपुर राजपरिवार की प्रॉपर्टी पर सरकार का कब्जा
जयपुर में स्थित सबसे महंगे होटलों में शुमार राजमहल पैलेस पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। जेडीए) ने होटल की जमीन के एक हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान के जयपुर में स्थित सबसे महंगे होटलों में शुमार राजमहल पैलेस पर बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने होटल की जमीन के एक हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया।
कार्रवाई के दौरान राजघराने की सदस्य और भाजपा विधायक प्रिंसेज दीया कुमारी की जेडीसी शिखर अग्रवाल से तीखी नोक-झोंक हुई। कार्रवाई में जेडीए ने 12 बीघा जमीन को कब्जे में लेकर वहां अपनी प्रॉपर्टी का बोर्ड लगा दिया है।
जेडीए के मुताबिक प्रॉपर्टी कीमत 500 करोड़ रुपए बताई गई है। कार्रवाई के बाद जेडीए ने होटल राजमहल पैलेस के मेन गेट सहित तीन अन्य गेट को सील कर दिया। दीया कुमारी ने जेडीए द्वारा की गई कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा कि ये मामला अभी कोर्ट में चल रहा है, जेडीए ने कंटेम्ट ऑफ कोर्ट किया है। वहीं जेडीए के अधिकारियों का कहना है कि होटल के खिलाफ कार्रवाई के लिए जेडीए के पास पुख्ता दस्तावेज हैं।
उल्लेखनीय है कि ढाई सौ वर्ष पूर्व सवाई जयसिंह द्वितीय ने अपनी रानी चंद्र कंवर राणावत के लिए इस पैलेस को बनवाया था।
1821 में राजमहल पैलेस ब्रिटिश सरकार के अधीन राजपूताना का पॉलिटिकल ऑफिस था। इसके बाद 1958 में महाराजा सवाई सिंह द्वितीय ने यहीं पर रहना आरंभ किया। इसी होटल में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग, लॉर्ड और लेडी माउंटबेटन जैसी हस्तियां ठहर चुकी हैं। इधर भाजपा विधायक की ही संपत्ति से अतिक्रमण को हटाये जाने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है।