Move to Jagran APP

100 करोड़ की संपति के लिए मंत्री नहीं छोड़ रहे पुजारी पद का मोह

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के देवस्थान मंत्री ओटाराम देवासी एक मंदिर में वर्षों से पुजारी पद पर जमे बैठे है। अब उन्होंने मंत्री पद का उपयोग करते हुए आजीवन पुजारी बनने को लेकर जुगत बिठानी शुरू कर दी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 29 May 2016 03:35 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2016 03:55 AM (IST)
100 करोड़ की संपति के लिए मंत्री नहीं छोड़ रहे पुजारी पद का मोह

जयपुर [नरेन्द्र शर्मा ]। राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के देवस्थान मंत्री ओटाराम देवासी एक मंदिर में वर्षों से पुजारी पद पर जमे बैठे है। अब उन्होंने मंत्री पद का उपयोग करते हुए आजीवन पुजारी बनने को लेकर जुगत बिठानी शुरू कर दी। ग्रामीण और मंदिर ट्रस्ट उन्हें हटाने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर लोकायुक्त तक शिकायत कर चुके है। लोकायुक्त ने इस मामले में शुक्रवार को सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

loksabha election banner

मंत्री की आजीवन पुजारी बनने की दिलचस्पी का कारण 100 करोड़ रुपए की सम्पति और करीब 37 लाख रुपए की वार्षिक आय है। मंदिर के अधिक 75 बीघा संचित भूमि और इस पर होने वाली खेती से 25 लाख रूपए की वार्षिक आमदनी है।

मंदिर ट्रस्ट के अनुसार प्रतिमाह यहां करीब एक लाख रूपए का चढ़ावा भी आता है। इस कारण देवस्थान विभाग के मंत्री ओटाराम देवासी भी पुजारी पद का मोह नहीं छोड़ पा रहे।

ग्रामीणों का आरोप है कि ओटाराम अब मंदिर के पुजारी पद पर स्थायी रूप से काबिज होने में जुटे हैं। इसके लिए देवस्थान विभाग से आदेश जारी कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। ओटाराम पाली जिले के मुंडारा गांव में स्थित चामुंडा माता मंदिर में 1985 से पुजारी हैं।

ग्रामीणों के अनुसार ओटाराम पहले प्रतिदिन इस मंदिर की पूजा किया करते थे, लेकिन मंत्री बनने के बाद किसी विशेष व्यक्ति के आने पर ही खुद पूजा करते हैं। ओटाराम मंत्री पद के लिए सरकार से वेतन-भत्ते लेने के साथ ही पुजारी पद के लिए ट्रस्ट उन्हें 4 हजार रुपए मासिक वेतन दे रहा है।

ग्रामीणों का आरोप है कि ओटाराम मंदिर में राजनीतिक गतिविधियां चलाते हैं। मंत्री बनने के बाद तो ये और भी बढ़ गई। पूजा-पाठ के लिए उन्हें समय ही नहीं मिला। वे तो किसी वीआईपी के आने पर ही मंदिर में पूजा के लिए दर्शन देते हैं। ग्रामीण 7 साल से चाह रहे हैं कि ओटाराम इस पद से हट जाएं। इसके लिए वे कई बार शिकायतें कर चुके हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि मंत्री अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं, ऐसे में ट्रस्ट भी उनको हटाने में नाकाम साबित हो रहा है।

मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों का आरोप है कि स्थायी पुजारी पद पाने के लिए ओटाराम ने अपने ही रिश्तेदार से ट्रस्ट भंग कराने के लिए देवस्थान विभाग को शिकायत पत्र लिखवा दिया,जिसके वे स्वंय मंत्री है। एक ही व्यक्ति के पत्र पर विभाग ने कार्रवाई की और रिसीवर नियुक्त कर दिया। ट्रस्ट को नोटिस जारी कर दिया कि क्यों नहीं नई प्रबंध समिति गठित कर दी जाए।

-परिजनों को ट्रस्ट से जोडऩे का आरोप

-सरकार और ट्रस्ट से लेते है वेतन

मंदिर ट्रस्ट के सचिव दिलीपसिंह करनोत का कहना है कि मंत्री ओटाराम देवासी ने अपने मंत्री पद का दबाव बनाकर मंदिर ट्रस्ट पर कब्जा करना चाहते हैं। मंदिर का आजीवन पुजारी पद हथियाने के लिए वे अपने भाई और बेटों को ट्रस्ट में जोडऩा चाहते हैं। ट्रस्ट पुजारी के तौर पर उन्हें हर माह चार हजार रुपए वेतन देता हैं।

वर्षों से पुजारी, वेतन नहीं लेता : मंत्री

देवस्थान राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने बताया कि मैं तो वर्षों से इस मंदिर में पूजा करता आ रहा हूं। अगर मैं अनुपस्थित भी रहता हूं तो मेरे भाई पूजा करते हैं। मंदिर और जमीन से होने वाली आय हमारे परिवार के हिस्से में आती है। मैं ट्रस्ट से कोई तनख्वाह नहीं लेता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.