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रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़ी चिकित्सा व्यवस्था

राजस्थान के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैनात करीब 1200 रेजीडेंट डॉक्टरों के पिछले दो दिन से हड़ताल पर रहने से चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ा गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य के सेवारत रेजीडेंट डॉक्टरों को कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 01 Jun 2016 04:11 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jun 2016 04:15 AM (IST)
रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़ी चिकित्सा व्यवस्था

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैनात करीब 1200 रेजीडेंट डॉक्टरों के पिछले दो दिन से हड़ताल पर रहने से चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ा गई। इधर राजस्थान सरकार ने रेजीडेंट डॉक्टर्स की आए दिन होने वाली हड़ताल को देखते हुए मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सेवारत रेजीडेंट डॉक्टरों को कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए हैं। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने हड़ताल पर चले गए रेजीडेंट्स के खिलाफ इस तरह के निर्देश दिए।

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मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जो भी सेवारत रेजीडेंट्स हड़ताल पर हैं, काम नहीं कर रहे, उन्हें तुरंत प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया जाए। साथ ही उनके स्थान पर 1200 नए डॉक्टर्स की भर्ती कर ली जाए। इन सर्विस रेजीडेंट के हड़ताल पर रहने की स्थिति में उन्हें तत्काल कार्यमुक्त कर मुख्यालय भेजने एवं प्रथम वर्ष के नए प्रवेश लेने वाले रेजीडेंट के हड़ताल पर रहने पर उनका प्रवेश टर्मिनेट कर प्रतीक्षा सूची से नये प्रवेश करने के लिए कहा है।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के रेजीडेंट की परीक्षाओं ने उन्हें 6 माह से अधिक समय देने के भी निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि रेजीडेंट डॉक्टर्स थीसिस और कॉपियां जांच के लिए दूसरे राज्यों में भेजने के निर्णय के विरोध में सोमवार रात से हड़ताल पर है।

इस मामले में चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि नियमानुसार ही कॉपियां जांचने के लिए बाहर भेजी जा रही है। राज्य के प्रमुख शासन सचिव (चिकित्सा शिक्षा) मुकेश शर्मा ने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के परीक्षा संबंधित निर्देशों की अनुपालना करना जरूरी हैं। अवहेलना करने पर मान्यता रद्द होने तक का खतरा रहता है।


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