ईद पर खुला जन्नती दरवाजा, वर्ष में चार बार खोला जाता है ये दरवाजा
देश के विभिन्न हिस्सों से लोग ईद पर ख्वाजा साहब के यहां हाजिरी देने पहुंचे।
जयपुर, [जागरण संवाददाता]। राजस्थान में ईद का त्यौंहार हर्षाेल्लास से मनाया गया। अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुददीन चिश्ती की दरगाह में सोमवार को ईद के मौके पर जन्नती दरवाजा खोला गया। अल सुबह खुले जन्नती दरवाजे से गुजरने वालों की भीड़ देखने को मिली। ये जन्नती दरवाजा वर्ष में चार बार खोला जाता है। ख्वाजा साहब के उर्स में छह दिन के लिए,ईद उल अजहा पर एक दिन के लिए और ईद उल फितर पर एक दिन के लिए और ईद की छठी पर एक दिन के लिए यह दरवाजा खोला जाता है।
इस बाद जन्नती दरवाजे से गुजरने के लिए रविवार रात से ही लम्बी कतार लग गई थी। दरवाजा सोमवार दोपहर जोहर की नमाज के बाद बंद कर दिया गया। देश के विभिन्न हिस्सों से लोग ईद पर ख्वाजा साहब के यहां हाजिरी देने पहुंचे।
काली पट्टी बांधकर नमाज अता की
राजस्थान में अलवर जिले के नयाबास स्थित मदरसे में सोमवार को ईद की नमाज में लोग हाथों में काली पट्टी बांधकर शामिल हुए।
दरअसल,अलवर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मुस्लिम समाज के साथ मारपीट की कुछ घटनाएं सामने आई थी। इसी का विरोध दर्ज करने के लिए मुस्लिम समाज ने विरोध का यह तरीका निकाला। सभी ने हाथों में काली पट्टी बांधकर पहले तो नमाज अता की और फिर एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।
गाय को लड्डू खिलाकर खेला अंतिम रोजा
राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के नवां गांव में ईद के एक पूर्व रविवार शाम को मुस्लिम समाज के लोगों ने गाय को लड्डू खिलाकर अपना अंतिम रोजा खोला। गांव के सरपंच खुशी मोहम्मद की अगुवाई में मुस्लिम समाज के लोगों ने मस्जिद के बाहर पहले तो गाय को माला पहनाई और फिर लड्डू और हरा चारा खिलाया।
इसी के बाद लोगों ने रोजा खोला। खुशी मोहम्मद का कहना है कि गाय पर हो रही राजनीति बंद हो और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए।
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