फाइटर प्लेन उड़ाकर भारतीय महिला पायलट्स रचेंगी इतिहास
भारतीय वायुसेना के लिए 18 जून का दिन ऐतिहासिक होगा। इस दिन राजस्थान के झुंझुनूं जिले की मोहना सिंह सहित तीन युवतियां भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान उड़ाएंगी।
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। भारतीय वायुसेना के लिए 18 जून का दिन नया इतिहास लिखने जा रहा है। वायुसेना की ऐतिहासिक उपलब्धि में राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं बिहार भी भागीदार बनेगा। मौका होगा इंडियन एयरफोर्स की 3 महिला लड़ाकू विमान पायलट्स को कमिशन देने का। राजस्थान के झुंझुनूं जिले की मोहना सिंह सहित तीन युवतियां भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान उड़ाएंगी।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि मोहना सिंह, बिहार के दरभंगा की भावना काथ और मध्यप्रदेश के सतना की अवनी चतुर्वेदी को आगामी 18 जून को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान उड़ाने का दायित्व मिलेगा। दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से अध्ययन करने वाली मोहना सिंह के पिता भी भारतीय वायुसेना में है। भावना ने एमएस कॉलेज बैंगलूरू से.बी.ई. इलेक्ट्रिल और अवनी चतुर्वेदी ने राजस्थान के टॉक जिले में वनस्थली विद्यापीठ से कंम्प्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की है। अवनी चतुर्वेदी, भावना कांथ और मोहना सिंह ने मार्च में ही लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्यता हासिल कर ली थी। इसके बाद उन्हें युद्धक विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण दिया गया। अब वायुसेना 18 जून को अवनी-भावना और मोहना को बतौर लड़ाकू विमान पायलट कमिशन देगी।
बस एक दिन इंतजार ...और पूरा हो जाएगा इनका सपना
यह पहला मौका होगा, जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान की कॉकपिट में कोई महिला बैठेगी। वायुसेना में करीब 1500 महिलाएं हैं जो अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं। वर्ष 1991 से ही महिलाएं हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा जाता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने महिलाओं को फाइटर एयरक्राफ्ट के कॉकपिट में जगह देने का फैसला किया था।