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राजस्थान में हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का खुलासा

राजस्थान पुलिस ने एक ऐसे हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसके संचालन में पुलिसकर्मी, व्यापारी और पत्रकार भी शामिल थे। करोड़ों रुपये का अवैध कारोबार करने वाले इस रैकेट में ये कुछ राजनेताओं के जुड़े होने की बात भी सामने आई है। गिरोह दर्जनों अमीर लोगों को ब्लैकमेल करके करोड़ों रुपये की वसूली कर चुका है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 19 Sep 2016 04:21 AM (IST)Updated: Mon, 19 Sep 2016 04:30 AM (IST)
राजस्थान में हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का खुलासा

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान पुलिस ने एक ऐसे हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसके संचालन में पुलिसकर्मी, व्यापारी और पत्रकार भी शामिल थे। करोड़ों रुपये का अवैध कारोबार करने वाले इस रैकेट में ये कुछ राजनेताओं के जुड़े होने की बात भी सामने आई है। गिरोह दर्जनों अमीर लोगों को ब्लैकमेल करके करोड़ों रुपये की वसूली कर चुका है। पुलिस ने रैकेट के एक संचालक और उसकी सहयोगी एक युवती को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस गिरोह में शामिल माउंट आबू पुलिस थाने का थाना अधिकारी और एक व्यापारी पुलिस की छापेमारी से पहले ही फरार हो गए। पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने जोधपुर से दो पत्रकारों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। ये स्थानीय समाचार पत्रों से जुड़े हुए है।

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पुलिस महानिरीक्षक हवा सिंह घुमरिया ने बताया कि प्रदेश के एक बड़े कारोबारी ने पुलिस को ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई थी। वह माउंट आबू में होटल का संचालन करता है। कारोबारी ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई शिकायत में बताया था कि माउंट आबू पुलिस स्टेशन में करोड़ों रुपए की ब्लैकमेलिंग का धंधा किया जा रहा है। जांच में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की जिसमें थाने के एसएचओ रामचन्द्र सिंह राठौड़, पत्रकार मोइनुल हक, व्यवसाई गोपाल सिंह ढेलाणा, चालक गोविंदराम मेघवाल, शिवानी पुत्र जितेन्द्र सिंह और गोविंद सिंह नामक लोग शामिल है। पीडि़त होटल कारोबारी ने इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आईजी के मुताबिक प्राथमिक जांच में होटल व्यवसाई को ब्लैकमेल किए जाने की पुष्टिï हुई थी। इसके बाद सिरोही और जोधपुर की संयुक्त टीम गठित की गई।

पुलिस के अनुसार पत्रकार मोइनुल हक और शिवानी राजस्थान, गुजरात और मुंबई के सेठों और व्यवसायियों से इंटरव्यूू के बहाने पहले मुलाकात करते थे। फिर शिवानी उन्हें अपने जाल में फंसा लेती थी, फिर जाल में फंसे लोगों को जोधपुर, माउंट आबू या पाली में बुलाया जाता था। वहां होटल में कमरा बुक किया जाता था, फिर जैसे ही कोई सेठ या कारोबारी रात गुजार लेता था, सुबह होने से पहले ही थाना अधिकारी रामचन्द्र सिंह होटल के कमरे में पहुंच जाता था। उसके बाद उस कारोबारी या सेठ को धमकाकर शुरू होती थी सौदेबाजी और ब्लैकमेलिंग। पुलिस के अनुसार इस रैकेट में कई लड़कियां शामिल थी।

पुलिस को पता चला कि मोइनुल हक अपना एक अखबार चलाता था। जिसका नाम वॉयस ऑफ अक था। इस मामले में शिकायत करने वाला माउंट आबू का बड़ा होटल कारोबारी इनके जाल में फंस गया था। आरोपी उससे 3 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे। कारोबारी उन्हें अब तक 67 लाख रुपए दे चुका था। लेकिन दोनों पत्रकार और एसएचओ अभी भी उससे 30 लाख रुपए मांग रहे थे। वे उसे पैसे के लिए तंग कर रहे थे। परेशान होकर होटल कारोबारी ने तत्कालीन आईजी रेंज जीएल शर्मा को मामले की शिकायत कर दी।


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