अजमेर में हुई बच्चों की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने जवाब मांगा
राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर में पिछले छह महीने में 185 बच्चों की मौत के मामले में राज्य सरकार एवं एसएमएस अस्पताल जयपुर एवं जेएलएन अस्पताल अजमेर प्रशासन से पूछा है कि बच्चों की मौत कैसे हो रही है।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर में पिछले छह महीने में 185 बच्चों की मौत के मामले में राज्य सरकार एवं एसएमएस अस्पताल जयपुर एवं जेएलएन अस्पताल अजमेर प्रशासन से पूछा है कि बच्चों की मौत कैसे हो रही है।
अदालत ने इस मामले में राज्य के प्रमुख सचिव, प्रमुख चिकित्सा सचिव, प्रमुख पीएचईडी सचिव, जेएलएन अस्पताल अजमेर के अधीक्षक, शिशु रोग इकाई प्रमुख डॉ. वीएस कर्नावट और एसएमएस मेडिकल कॉलेज एवं जेएलएन अस्पताल के प्रिंसीपल एवं नियंत्रक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
न्यायाधीश अजय रस्तोगी एवं डीसी सोमानी की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश सोमवार को माधव प्रपन्न स्वामी की जनहित याचिका पर दिया।
याचिका में कहा कि सरकार एवं अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण बच्चों की मौतें हो रही है। डॉक्टरों को भगवान के समान माना जाता है और वे मरीज के कल्याण के लिए शपथ लेते हैं।
जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विशेष पुखराज गर्ग ने कहा कि मौत प्रकृति का नियम है। इसमें सरकारी अफसरों की भी लापरवाही है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। प्रार्थी ने कहा कि जयपुर में 20 मरीजों को कोलेरा है जो एक अधिसूचित बीमारी है, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई तैयारी नहीं की जबकि एक मरीज का पता चलने पर भी विश्व स्तर पर चेतावनी दी जाती है। इसलिए राज्य सरकार बच्चों की मौत पर हो रही लापरवाही को रोके।