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सोशल मीडिया टेस्ट में राजस्थान के आधे सांसद 'फेल'

राजस्थान के भाजपा सांसद, पीएम और भाजपा नेतृृत्व की मंशा के अनुरूप सोशल मीडिया में दिलचस्पी नहीं ले रहेे। राजस्थान से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल तीन मंत्रियों में से मात्र एक सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवद्र्धन सिंह राठौड़ ही सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 01 May 2016 03:43 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 03:51 AM (IST)
सोशल मीडिया टेस्ट में राजस्थान के आधे सांसद 'फेल'

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान के भाजपा सांसद, पीएम और भाजपा नेतृृत्व की मंशा के अनुरूप सोशल मीडिया में दिलचस्पी नहीं ले रहेे। राजस्थान से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल तीन मंत्रियों में से मात्र एक सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवद्र्धन सिंह राठौड़ ही सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते है। वहीं प्रधानमंत्री की टीम में शामिल प्रदेश से दो अन्य राज्यमंत्री सांवरलाल जाट एवं निहाल चंद मेघवाल कभी ट्विटर और फेसबुक पर कभी सक्रिय नहीं रहते। सांवर लाल जाट का तो ट्विटर अकाउंट ही नहीं है। प्रदेश के 25 में से 11 सांसदों का भी ट्विटर अकाउंट ही नहीं है या वे इसका उपयोग बिल्कुल नहीं करते। जबकि फेसबुक पर सक्रिय रहने वाले सांसदों की संख्या भी आधी ही है।

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सांसदों मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र और झालावाड़ सांसद दुष्यंतसिंह एवं बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल सबसे अधिक सक्रिय नजर आते है।

प्रधानमंत्री के निर्देश पर भाजपा की डिजिटल सेल ने पार्टी के सभी सांसदों के सोशल मीडिया अकाउंट ट्रेक किया। इसके आधार पर सभी सांसदों की रिपोर्ट तैयार की गई। इसमें राजस्थान के सांसदों की रिपोर्ट काफी नकारात्मक आई है।

ट्रेकिंग रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य ये भी हैं कि अधिकांश सांसद सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते। न ही वे सोशल मीडिया के माध्यम से फॉलोअर्स से सीधे सवाल जवाब करते हैं।

हर दिन सोशल मीडिया से मिलता है फीडबैक : राज्यवद्र्धन

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवद्र्धन सिंह सोशल मीडिया को फीडबैक मिलने का माध्यम बताते है। उनके निर्वाचन क्षेत्र के भी लोग ट्विटर पर उनके साथ है। सिंह बताते हैं कि कई बार ट्विटर पर उन्हें निर्वाचन क्षेत्र की समस्या पता चलती है तो उसे सुलझाने की तुरंत कार्रवाई वे करते हैं। सिंह ने यह भी बताया कि वे रात को रोज ट्विटर सहित अन्य सोशल मीडिया पर समय देते।

आपने अन्य सांसदों को भी इस माध्यम से जुडऩे के बारे में राज्यवद्र्धन कहते हैं कि हो सकता है कि वो इसके अभी कंफर्टेबल नहीं महसूस कर रहे हो। लेकिन मेरा मानना है कि यह सशक्त माध्यम है। इसका उपयोग किया जाना चाहिए।


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