राजस्थान में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त
राजस्थान के 7 जिलों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए। प्रदेश में भारी बारिश से कई गांव टापू बन गए है।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान के 7 जिलों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए। प्रदेश में भारी बारिश से कई गांव टापू बन गए है। वहीं लगातार हो रही बारिश से प्रतापगढ़, चित्तौडग़ढ़, बांसवाड़ा, झालावाड़ा, बांरा सहित कई जिलों में पानी में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। आदिवासी जिले प्रतापगढ़ जिले के धरियावद में दो जगह से 33 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है।
बांसवाड़ा जिले के गांवों में पानी के बीच फंसे 10 लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। बांरा जिले के छबड़ा और छीपाबडौद में 36 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। जिले में कई गांव टापू बन गए। बारिश के कारण बांरा से गुना, भोपाल राजमार्ग बंद हो गया। बारां में बारिश के कारण हुए विभिन्न हादसों में छह लोगों की मौत हो गई।
मौसम विभाग ने राजस्थान के पूर्वी भाग में अगले 24 घंटों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। सतर्कता के तौर पर आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग ने एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टुकडिय़ों की विभिन्न स्थानों पर तैनात के साथ ही सेना को भी अलर्ट किया है। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार के आदेश पर सभी जिलों के कलेक्टर्स पल-पल की स्थिति की जानकारी ले रहे है।
जिन जिलों में बांध एवं नदी-नाले उफान पर है उनके आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने के काम भी जारी है। भीलवाड़ा जिले में दो दिन से हो रही तेज बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे है।
त्रिवेणी नदी के उफान पर होने से भीलवाड़ा-कोटा मार्ग रविवार को दूसरे दिन में बंद है। भीलवाड़ा जिले में जेतपुरा बांध के नीचे जालम की झोपडिय़ां के पास वाली नदी पार करते समय तीन बाइक सवार बह गए। टोंक जिले के बीसलपुर बांध से सात गेट खोल बनास नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। बनास की डाउनस्ट्रीम में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
उदयपुर जिले के वल्लभनगर मूसलाधार बारिश से कानोड़ से कुण मार्ग बंद हो गया है। तेज बारिश के चलते संलूबर-खरका की गोमती नदी में एक बस बह गई, लेकिन गनीमत यह रही कि सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।