नपुंसक नहीं है फलहारी बाबा,जांच में आया सामने
इधर पुलिस को की जांच में सामने आया कि उत्तरप्रदेश के कौशंबी जिले के डकशरीरा गांव का रहने वाले फलहारी बाबा का असली नाम शिवपूजन गौतम मिश्रा है।
जयपुर, [जागरण संवाददाता]। छत्तीसगढ़ की युवती के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार राजस्थान में अलवर के फलाहारी बाबा का एक और झूठ बेनकाब हुआ है। उसने पहले युवती और बाद में पुलिस को बताया था कि वह नपुंसक है। पुलिस ने उसका पोटेंसी टेस्ट कराया और इसमें सामने आया है कि बाबा नपुंसक नहीं है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए इस बाबा ने पहले खुद को बीमार बताकर अस्पताल में भर्ती करा लिया। वहां उसे कोई खास बीमारी नहीं पाई गई और उसे जबरन छुट्टी दी गई। बाद में वह मेडिकल जांच में भी पूरी तरह फिट मिला। युवती की ओर से दिए गए बयान में युवती ने बताया था कि दुष्कर्म से पहले बाबा ने खुद को नपुंसक बताया था।
इसके अलावा अस्पताल में भी पुलिस ने जब उससे प्रारंभिक पूछताछ की तो उसने खुद को नपुंसक बताया था। अब जांच में बाबा की यह बात भी झूठी साबित हुई है। मालूम हो, बाबा 15 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल में है।
पुलिस ने बाबा के आश्रम की तलाशी ली तो उसके कमरे के अंदर एक गुप्त कमरा मिला। जिसके दरवाजे को अलमारी की तरह बनाया हुआ है,जिससे किसी को इस कमरे के बारे में पता नहीं चल सके ।इस कमरे में महिलाओं के कपड़े,पायल,चूड़ी और कई आपत्तिजनक सामान मिले ।
इधर पुलिस को की जांच में सामने आया कि उत्तरप्रदेश के कौशंबी जिले के डकशरीरा गांव का रहने वाले फलहारी बाबा का असली नाम शिवपूजन गौतम मिश्रा है। इंटरमीडिएट तक पढ़ाई करने के बाद आईटीआई की और फिर विवाह हुआ,बाबा के एक बेटी भी है जिसका विवाह हो चुका ।
उल्लेखनीय है कि फलहारी बाबा के खिलाफ 11 सितम्बर को बिलासपुर की एक 21 वर्षीय युवती ने वहीं पुलिस थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। इस पर बिलासपुर पुलिस ने यह मामला अलवर पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। अलवर पुलिस ने 20 सितम्बर को फलहारी बाबा के खिलाफ अरावली विहार पुलिस थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। 23 सितम्बर को बाबा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया,जहां से उसे 6 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया ।
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