राजस्थान में बिजली, पानी होगा महंगा
राजस्थान सरकार बिजली और पानी की दरें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार बिजली के बिल में पचास यूनिट से अधिक उपयोग पर 50 पैसे प्रति यूनिट सिवर-रोड सेंस लगाने की तैयारी कर रही है।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान सरकार बिजली और पानी की दरें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार बिजली के बिल में पचास यूनिट से अधिक उपयोग पर 50 पैसे प्रति यूनिट सिवर-रोड सेंस लगाने की तैयारी कर रही है। वहीं पानी के बिलों में जुड़कर आ रहे सीवर चार्ज को 60 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। दरें बढ़ाने से पूर्व राज्य का जल संसाधन विभाग ने जनता के बीच प्रचार अभियान चलाने के लिए पोस्टर भी तैयार कर लिए है। इन पोस्टरों के जरिए जनता को बताया जाएगा कि पानी की दरें बढ़ाना आखिर क्यों जरूरी है।
पीएचईडी मंत्री किरण माहेश्वरी का कहना है कि पहले प्रदेश के इंडस्ट्रीज में पानी की दरें बढ़ाई जाएगी। इंडस्ट्रीज को वाटर रीयूज करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। इसका फायदा जनता को होगा। हालांकि जनता को सप्लाई होने वाली दरें बढ़ाने के लिए भी विचार चल रहा है, लेकिन पहले इसे इंडस्ट्रीज एवं कॉमर्शियल सेक्टर पर लागू किया जाएगा।
किरण माहेश्वरी का कहना है कि जल स्तर लगातार घट रहा है और पानी का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन पानी की दरें नहीं बढ़ाई गई। इसलिए विचार कर रहे हैं पहले इंडस्ट्रीज एवं कॉमर्शियल सेक्टर पर पानी की दरें बढ़ाई जाएगी उसके बाद में जनता को होने वाली पेयजल सप्लाई की दरें बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
20 साल से नहीं बढ़ी दरें
-पोस्टरों में बताया गया है कि 20 साल में महंगाई बढ़ी, लेकिन पानी की दरें वहीं की वहीं है। 1997 के बाद से पानी की दरें नहीं बढ़ाई गई है। अभी 15 किलोलीटर तक 1.25 रुपएप्रति किलोलीटर पानी की दरें हैं। तथा 15 से 40 किलोलीटर पर 2.40 रुपए प्रति किलोलीटर है।
पेट्रोल, दूध, बिजली सभी के दाम बढ़े, पानी के नहीं
-1997 में 10 रुपए लीटर मिलने वाला दूध 40 रुपए लीटर हो गया, लेकिन पानी 1.50 रुपए लीटर किलोलीटर ही है। पेट्रोल 75 रुपए, बिजली 5 रुपए यूनिट, सिलेंडर 160 रुपए से 390 रुपए, गेहूं 18 रुपए किलो और चीनी 18 रुपए किलो हो गई है।