राज्यसभा और लोकसभा की एक-एक सीट पर चुनाव को लेकर कसरत शुरू
राज्यसभा की एक सीट एम.वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के कारण खाली हुई,वहीं अजमेर लोकसभा की सीट प्रो.सांवरलाल जाट के निधन के कारण रिक्त हुई है ।
जयपुर, [नरेन्द्र शर्मा] । राजस्थान में लोकसभा और राज्यसभा की रिक्त हुई एक-एक सीटों के लिए उप चुनाव कराए जाने को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है । सत्तारूढ़ दल भाजपा ने तो अभी से संभावित प्रत्याशियों को लेकर कसरत प्रारम्भ कर दी,वहीं कांग्रेस ने फिलहाल पार्टी की आंतरिक राजनीति के कारण कोई विचार-विमर्श शुरू नहीं किया ।
राज्यसभा की एक सीट एम.वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के कारण खाली हुई,वहीं अजमेर लोकसभा की सीट प्रो.सांवरलाल जाट के निधन के कारण रिक्त हुई है । राजस्थान भाजपा नेताओं का मानना है कि राज्यसभा की सीट के लिए तो दिल्ली से ही पार्टी आलाकमान किसी बाहरी नेता को चुनने के लिए कहेगा । इसी कारण राज्यसभा सीट पर प्रत्याशी तय करने को लेकर ना तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कसरत कर रही है और ना ही प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी अथवा अन्य कोई नेता विचार-विमर्श कर रहा है ।
200 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के 164 विधायकों की संख्या देखते हुए कांग्रेस राज्यसभा चुनाव पर प्रत्याशी खड़ा करने को लेकर सोच ही नहीं रही । प्रदेश में कांग्रेस के मात्र 24 विधायक है । शेष 3 बसपा,3 राजपा एवं 6 निर्दलिय विधायक है । निर्दलियों में 3 विधायक खुलकर भाजपा के साथ है ।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेता अजमेर संसदीय सीट को लेकर कसरत कर रहे है । इस सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट 13वीं लोकसभा में सांसद रहते हुए केन्द्र मे मंत्री रहे ,लेकिन 14 वीं लोकसभा के चुनाव में वे भाजपा के सांवर लाल जाट से 1,71,000मतों से चुनाव हार गए थे । भाजपा इस सीट पर होने वाले उप चुनाव में सांवरलाल जाट की बेटी सुमन अथवा बेटे रामस्वरूप को चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है । पार्टी नेताओं का मानना है कि सांवराल जाट के परिवार में टिकट देने से सहानुभूति का फायदा मिलेगा । मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने दो दिन पूर्व अजमेर भाजपा के जिला अध्यक्ष बी.पी.सारस्वत,अजमेर के विधायक सुरेश रावत, शत्रुघन शर्मा,वासुदेव देवनानी और अनिता भदेले से लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की ।
इन सभी ने स्व.जाट के परिजनों को ही टिकट देने का सुझाव दिया । इधर कांग्रेस का एक खेमा सचिन पायलट को एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़वाने की रणनीति बना रहा है । यह खेमा इस तरह का माहौल बनाने में जुटा है कि वर्तमान हालात में पायलट सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हो सकते है । इस खेमे के नेताओं का मानना है कि यदि पायलट चुनाव लड़कर हार जाते है तो 15 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी स्वत:ही समाप्त हो जाएगी ।
इस खेमे के नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सी.पी. जोशी समर्थक शामिल बताए जाते है । हालांकि इन दोनों नेताओ ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले है । पायलट भी फिलहाल इस बारे में चर्चा करने से बच रहे है ।