यूपी चुनाव परिणाम का असर राजस्थान की राजनीति पर भी संभव
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिले जबरदस्त बहुमत का असर राजस्थान की राजनीति पर भी नजर आ सकता है।
जयपुर, जागरण संवाद केन्द्र। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिले जबरदस्त बहुमत का असर राजस्थान की राजनीति पर भी नजर आ सकता है। राज्य के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर, राज्यासभा सदस्य भूपेन्द्र यादव, प्रदेश में अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के पदाधिकारी के रूप में सक्रिय रहे सुनील बंसल को यूपी की जीत का राजनीतिक फायदा मिल सकता है। ये तीनों ही यूपी में लम्बे समय तक चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे थे।
राज्य के मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे विरोधी खेमे के नेता माथुर और बंसल अब राजस्थान में भी राजनीतिक रूप से सक्रिय हो सकते है। अब तक माथुर यूपी के प्रभारी और बंसल संगठन मंत्री के रूप में काम कर रहे थे, लेकिन पिछले कई वर्षों से सीएम की कुर्सी संभालने को लेकर लॉबिंग में जुटे माथुर की नजर अब राजस्थान में करीब दो वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। यूपी में जीत के तत्काल बाद राजस्थान में माथुर के समर्थक सक्रिय हो गए और इस तरह की लाबिंग में जुट गए कि यहां टिकट वितरण में माथुर की अहम भूमिका रहे।
भाजपाइयों ने मनाई जीत की खुशी
माथुर समर्थक अपने नेता को आगामी विधानसभा चुनाव में सीएम के उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट कराने को लेकर अभियान चलाने की रणनीति बना रहे है। रविवार को जयपुर में माथुर समर्थकों की बैठक भी हुई। यूपी में जीत से राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव का भी राजनीतिक कद बढ़ेगा। राजस्थान से राज्यसभा सदस्य यादव ने पिछले विधानसभा चुनाव में काफी मेहनत की और इस तरह की रणनीति बनाई कि भाजपा को जीत मिली। यूपी में उनके अहम किरदार के बाद अब राजस्थान की राजनीति में भी उनकी भूमिका बढ़ सकती है। इन तीनों नेताओं का राजनीतिक कद बढऩे से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे की बेचैनी बढऩे लगी है।
वसुंधरा समर्थक विधायक और नेताओं को इस बात की चिंता अभी से प्रारम्भ हो गई कि आगामी विधानसभा चुनाव में माथुर की अहम भूमिका हो सकती है। इधर राजस्थान के कांग्रेसी नेताओं को इस बात की चिंता सताने लगी है कि कहीं यहां भी मोदी लहर ना चल जाए,यदि ऐसा होता है तो यहां एक बार फिर भाजपा की सरकार बन सकती है।