371 पाकिस्तानी जायरीन पहुंचे अजमेर
अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स में भाग लेने के लिए 371 पाकिस्तानी जायरीन शनिवार सुबह साढ़े चार बजे अजमेर पहुंच गए। इन्हें ट्रेन के जरिए दिल्ली से अजमेर लाया गया।
जयपुर। अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स में भाग लेने के लिए 371 पाकिस्तानी जायरीन शनिवार सुबह साढ़े चार बजे अजमेर पहुंच गए। इन्हें ट्रेन के जरिए दिल्ली से अजमेर लाया गया। जायरीनों को यहां एक सरकारी स्कूल में ठहराया गया है और इस परिसर में क़़डी सुरक्षा कर दी गई है।
इस बीच उर्स के लिए रजब का चांद दिख गया ओर इसी के साथ उर्स की धार्मिक गतिविधियां भी शुरू हो गई। दरगाह में शुक्रवार रात झांझ, शादियाने बजाए गए और ब़़डे पीर की पहाड़ी से पांच तोपों की सलामी देकर इस्लामिक माह रजब का चांद दिखाई देने की घोषषणा की गई। इसके साथ ही ख्वाजा साहब के 804वें उर्स की धार्मिक गतिविधियां आरंभ हो गई। अब रोज रात में उर्स की महफिल सजेगी और सूफियाना कलाम पेश किए जाएंगे। चांद दिखने की घोषणा के बाद उर्स की पहली महफिल सजी और मजार शरीफ पर गुस्ल की रस्म अदा की गई। उर्स 14 अप्रैल तक चलेगा।
छह दिन खुला रहेगा जन्नती दरवाजा
दरगाह परिसर स्थित जन्नती दरवाजा भी खोल दिया गया है। उर्स में यह दरवाजा छह दिन खुला रहेगा। दरवाजा खुलने से पहले ही जायरीन की कतार लग गई। इसके बाद दिनभर जन्नती दरवाजे से गुजरने की होड़ सी मची रही। कई लोग इस दरवाजे से सात बार गुजरते हैं। उर्स में शामिल होने के लिए कलंदरों की रैली भी यहां पहुंच गई। कलंदरों ने ख्वाजा को छ़ि़डयां पेश कीं और रास्ते में कई तरह के करतब दिखाए।
एक पाक जायरीन का मोबाइल जब्त
इस बीच सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी जायरीन का मोबाइल जब्त कर लिया है। यह जायरीन अपने मोबाइल से वीडियो बना रहा था। इसके मोबाइल में दिल्ली से अजमेर तक के रास्ते का वीडियो था, जबकि सुरक्षा बलों ने उन्हें फोटो नहीं खींचने या वीडियो नहीं बनाने के निर्देश दिए हुए थे। सुरक्षा बल मोबाइल की जांच कर रहे हैं।