राजस्थान में सिलेंडर फटने से विवाह स्थल में कोहराम, 19 की मौत
शादी समारोह के दौरान हलवाई एक सिलेंडर से दूसरे सिलेंडर में गैस भर रहा था। इसी दौरान विस्फोट हो गया और दो मंजिला भवन नीचे गिर गया।
जयपुर,जागरण संवाददाता। राजस्थान में अजमेर जिले के ब्यावर स्थित कुमावत समाज के भवन में शुक्रवार को शादी समारोह के दौरान हुए सिलेंडर धमाको में मरने वालों की संख्या 19 हो गई जबकि 2 लोग अभी भी लापता है । इस हादस में घायल हुए सभी 14 लोगों का अभी ब्यावर और अजमेर के अस्पतालों में उपचार जारी है ।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि धमाकों से क्षतिग्रस्त हुए भवन के मलबे को हटाने का काम जारी है । एनडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीमें मलबे को हटाने में जुटी है। मृतकों में दूल्हे हेमंत की मां आशा देवी सहित 3 मासूम बच्चेभी शामिल है। सिलेंडर फटने से हुए धमाकों के कारण क्षतिग्रस्त हुए भवन के मलबे में से रविवार को 10 शव और बाहर निकाले गए,इससे पहले शुक्रवार रात से शनिवार तक 9 शव बाहर निकाले गए थे ।उल्लेखनीय है कि जोधपुर निवासी लक्ष्मण देवड़ा की बेटी रीतू का विवाह शुक्रवार को ब्यावर निवासी रामदेव के बेटे हेमंत के साथ होना था। इसी बीच शाम को करीब 8 बजे विवाह के लिए भोजन बना रहे हलवाई एक सिलेंडर से दूसरे सिलेंडर में गैस भर रहा था इसी दौरान विस्फोट हो गया था। विस्फोट के चलते कुमावत समाज का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और इसके नीचे लोग दब गए। इसके आसपास के घरों में भी दरारें आई थी । मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को ब्यावर में मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और सभी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी ।
दूल्हा-दूल्हन ने रोते हुए लिए फेरे-
गैस सिलेंडर फटने से शादी की खुशियां शोक में बदले के बाद दूल्हे हेमंत ने दुल्हन रीतू के साथ शनिवार शाम को सात फेरे लिए। इस दौरान दूल्हा और दुल्हन दोनों की ही आंखों में आंसू थे और संभालने वाले मात्र चार रिश्तेदार। दोनों का विवाह शुक्रवार को होना था,लेकिन हादसे के कारण नहीं हो सका। इसके बाद रिश्तेदारों और समाज के बुजुर्गों ने शनिवार को दोनों का विवाह सम्पन्न कराया। इस दौरान ना तो फेरों के मंगल गीत गाए गए और ना ही मिठाई खिलाई गई । मिठाई की रस्म के नाम पर गुड का छोटा टुकड़ा दूल्हे और दुल्हन को खिलाया गया । मृतकों में दूल्हे की मां सहित दो बच्चे शामिल हैं।
हादसे के समय मौके पर करीब डेढ़ सौ लोग मौजूद थे। हादसे के बाद वहां चीख-पुकार मच गई। भवन ढहने से कई लोग तो मलबे के नीचे दब गए और करीब 100 लोग जान बचाकर बाहर निकल गए। मलबे के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम शुक्रवार रात से ही जुटी हुई है। इधर, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ब्यावर पहुंचीं और मृतकों के परिजनों से मिलीं। हादसे पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के आश्रित को 50-50 हजार रुपये की आíथक सहायता देने की घोषणा की है।