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मंत्रियों के भरोसे नहीं चलेगी वसुंधरा राजे, खुद संभालेगी बजट के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी

विधानसभा सत्र के बाद वसुंधरा राजे जिलावार कार्यकर्ताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू करेंगी ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 03:45 PM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 03:45 PM (IST)
मंत्रियों के भरोसे नहीं चलेगी वसुंधरा राजे, खुद संभालेगी बजट के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी
मंत्रियों के भरोसे नहीं चलेगी वसुंधरा राजे, खुद संभालेगी बजट के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी

जयपुर,नरेन्द्र शर्मा । राज्य विधानसभा चुनाव में ठीक 9 माह पूर्व "चुनावी" बजट पेश करने के बाद अब बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन और आम लोगों को सरकार से सीधा जोड़ने का काम अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खुद अपने हाथ में लेंगी। सोमवार को बजट पेश करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने चार करीबी आईएएस अधिकारियों को बजट घोषणाओं का क्रियान्वयन अगले दो माह में करने का टास्क देते हुए एक अनौपचारिक ग्रुप बनाया है।

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वसुंधरा राजे ने मार्च के पहले सप्ताह तक बजट में घोषित 1 लाख 8 हजार पदों पर भर्ती का काम शुरू करने और किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया मार्च के अंतिम सप्ताह से प्रारम्भ करने को लेकर चार आईएएस अधिकारियों के ग्रुप को काम सौंपा है। वसुंधरा राजे प्रति सप्ताह बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी।अब तक मंत्रियों के भरोसे चलने वाले सरकारी योजनाओं को भी भविष्य में मुख्यमंत्री स्वयं देखेंगी। चिकित्सा,शिक्षा,जलदाय,बिजली और कृषि जैसे आम लोगों से जुड़े विभागों के कामकाज पर मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी निगरानी रखेंगे। 

हाल ही में सम्पन्न दो लोकसभा और एक विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की भारी मतों से हुई हार के बाद वसुंधरा राजे 9 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गई हैं । इसी के तहत सोमवार को अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करते समय सबसे बड़े वोट बैँक किसानों को 50 हजार तक के कर्ज माफी करने के साथ ही सरसों और मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद एवं दो लाख बिजली के कनेक्शन देने की घोषण की ।

मुख्यमंत्री ने एक अन्य बड़े वोट बैंक युवा वर्ग को साधने के लिए 1लाख 8 हजार युवाओं को विभिन्न विभागों में नौकरी देने के साथ ही महिला कर्मचारियों को केन्द्र की तर्ज पर 2 साल का अवकाश बच्चों की देखरेख के लिए देने का भी ऐलान किया । उप चुनाव में हार के बाद हुई समीक्षा में सामने आया कि किसानों और बेरोजगार युवाओं की नाराजगी पार्टी उम्मीदवारों की पराजय का बड़ा कारण रहा। मुख्यमंत्री ने बजट में इन दोनों वर्गों को खुश करने का प्रयास किया,लेकिन अब इनसे जुड़ी घोषणाओं का क्रियान्वयन भी वे एक माह के भीतर कराना चाहती है । जानकारी के अनुसार हार से सबक लेते हुए मुख्यमंत्री ने तय किया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं और संघ के स्वयं सेवकों से वे स्वयं सीधा संवाद करेंगी । अब तक प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के भरोसे ही सीएम ने पूरी संगठनात्मक प्रक्रिया छोड़ रखी थी । लेकिन पिछले कुछ दिनों में परनामी के खिलाफ खुलकर हो रहे विद्रोह को देखते हुए वसुंधरा राजे ने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करने की रणनीति बनाई है । विधानसभा सत्र के बाद वसुंधरा राजे जिलावार कार्यकर्ताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू करेंगी ।  


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