वर्चस्व की लड़ाई में रणथम्भौर में एक बाघ की मौत
रणथम्भौर नेशनल पार्क में वर्चस्व की लड़ाई में एक बाघ की मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में स्थित रणथम्भौर नेशनल पार्क में दो बाघों के बीच हुई वर्चस्व की लड़ाई में एक बाघ की टी-33 की मौत हो गई।
पार्क के चिरौली वन क्षेत्र में मंगलवार को दो बाघ आपस में भिड़ गए, जिसमें बाघा टी-33 बुरी तरह से घायल हो गया। उसके दो पैरों में गंभीर चोट लगी, उसके शरीर में कई घाव आए थे। वन विभाग के कर्मचारियों ने बाघ को ट्रेंककुलाइज कर इलाज शुरू कराया, लेकिन बुधवार सुबह टी-33 की मौत हो गई।
रणथम्भौर नेशनल पार्क के मुख्य वन्य अधिकारी वाईके साहू ने बताया कि टी-33 का मंगलवार शाम को एक अन्य बाघ के साथ जगह को लेकर संघर्ष हुआ था, जिसमें टी-33 गंभीर रूप से घायल हो गया था और आज उसकी मौत हो गई। किस दूसरे बाघा के साथ संघर्ष हुआ यह फिलहाल वन्यकर्मियों की जानकारी में नहीं है ।
जानकारी के अनुसार, बाघिन हुस्न आरा टाइग्रेस टी-30 का पहला शावक हमीर अर्थात टी-33 रणथम्भौर के चिरौली, अनंतपुरा और ठुमका के जंगलों में रहता था। यह पर्यटकों में काफी लोकप्रिय था।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में रणथम्भौर में 60 से अधिक बाघ मौजूद हैं। काफी बड़ी संख्या में देश-विदेशी पर्यटक इन्हें देखने आते रहते हैं। वहीं, अलवर के सरिस्का नेशनल पार्क में 17 बाघ हैं।