तीसरे दिन भी नहीं हो सका गैंगस्टर आनंदपाल का अंतिम संस्कार
आनंदपाल शनिवार को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में चूरू जिले के मालासर गांव में मारा गया था। इस मुठभेड़ में पुलिस के तीन जवान घायल हुए थे।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान पुलिस के हाथों दो दिन पहले एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह मौत के बाद भी सरकार और पुलिस के लिए सिर दर्द बना हुआ है। एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए परिजनों और राजपूत समाज के लोगों ने सोमवार को भी आनंदपाल का शव नहीं लिया। ये सभी मामले की सीबीआई से जांच कराने और अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद आनंदपाल के दोनों भाईयों को पैतृक गांव लाने के साथ ही सरकार द्वारा कुर्क की गई आनंदपाल की सम्पति परिजनों को सौंपने की मांग कर रहे है।
आनंदपाल का शव अभी भी चुरू जिले में रतनगढ़ अस्पताल की मोर्चरी में ही रखा हुआ है। इधर नागौर जिले में स्थित आनंदपाल के पैतृक गांव सांवराद में सोमवार को बड़ी संख्या में उसके रिश्तेदार,राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ता,राजपूत समाज के प्रतिनिधि एकत्रित हो गए। बड़ी संख्या में जुटे लोग आनंदपाल के परिजनों के साथ धरने पर बैठे है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे राजेन्द्र सिंह गुढ़ा भी सीबीआई जांच की मांग को लेकर धरने में शामिल हो रहे है। रविवार दोपहर से ही सांवराद गांव में राजपूत समाज के लोगों एवं आनंदपाल के परिजनों का पहुंचना प्रारम्भ हुआ थो जो सोमवार को भी जारी रहा।
रविवार को तो उग्र युवाओं को खदेड़ने के लिए हवाई फायर करने के साथ ही आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। इसी बीच दुबई में रह कर पढ़ाई कर रही आनंदपाल की बेटी चीनू सोमवार को सांवराद गांव पहुंच गई। राजपूत समाज के लोगों के लगातार सांवराद गांव में पहुंचने से यहां हालात तनाव पूर्ण हो गए। बढ़ती भीड़ को देखते हुए सोमवार दोपहर बाद पुलिस ने नागौर और चूरू जिलों की सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष अजीत सिंह मामडोली,राजपूत महासभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा और आनंदपाल सिंह के मामा अमर सिंह का आरोप है कि एनकाउंटर फर्जी है,आनंदपाल सरेंडर करने के लिए बोल रहा था,लेकिन पुलिस ने उसकी सुनी नहीं और गोलियां चला दी।
इन सभी ने आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार तब ही किया जाएगा जब कि सरकार इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपे। हरियाणा के सिरसा से पकड़े गए उसके दोनों भाईयों विक्की ओर देवेन्द्र को भी सांवरदा लाया जाए,ये दोनों फिलहाल अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है। इधर राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने पुलिस महानिदेशक,गृह सचिव और चूरू एवं नागौर के जिला कलेक्टरों से बात कर हालात का फीडबैक लिया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी राजपूत समाज के लोगों से बातचीत कर रहे है,प्रशासन का प्रयास है कि किसी भी तरह से आनंदपाल का अंतिम संस्कार करा दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि आनंदपाल शनिवार को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में चूरू जिले के मालासर गांव में मारा गया था। इस मुठभेड़ में पुलिस के तीन जवान घायल हुए थे। शनिवार को आनंदपाल को घेरने से पहले राजस्थान एटीएस ने हरियाणा पुलिस के सहयोग से उसके दो भाईयों विक्की और देवेन्द्र को सिरसा से गिरफ्तार किया गया था,उन्ही की निशानदेही पर आनंदपाल का एनकाउंटर हुआ।
मां बोली,सीबीआई जांच होने तक शव नहीं उठने दूंगी
आनंदपाल की मां निर्मल कंवर ने कहा कि मेरे बेटे आनंदपाल उर्फ पप्पू को पहले राजनीति में फंसाया और फिर मार डाला। निर्मल कंवर ने बेटे का शव लेने से इंकार करते हुए कहा कि वह सरेंडर करना चाहता था,लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं करने दिया।
पुलिस ने उसे मारने की सोच रखी थी। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच होने तक शव को नहीं उठने दूंगी। निर्मल कंवर ने आरोप लगाया कि पुलिस हमारे रिश्तेदारों को भी झुंठे केसों में फंसा रही है।