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जन्म से पूर्व बता दिया जाए बच्चे का लिंग : मेनका

केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी का सुझाव है कि गर्भवती महिला को बच्चे के जन्म से पहले ही उसका लिंग बता दिया जाए ताकि उसके बाद एस गर्भवती महिला की मॉनिटरिंग हो।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2016 02:48 AM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2016 02:55 AM (IST)
जन्म से पूर्व बता दिया जाए बच्चे का लिंग : मेनका

जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी का सुझाव है कि गर्भवती महिला को बच्चे के जन्म से पहले ही उसका लिंग बता दिया जाए ताकि उसके बाद एस गर्भवती महिला की मॉनिटरिंग हो।

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उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला को उसी समय बच्चे का लिंग जांच करके बता दिया जाए कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या फिर लड़की, नियमित मॉनिटरिंग से बेटियों के गर्भ में ही मारे जाने की समस्या का समाधान हो जाएगा। मेनका का कहना है कि विकसित राज्यों में बेटियों को गर्भ में ज्यादा मारा जाता है, पिछड़े राज्यों में लड़का पैदा हो या लड़की इसकी परवाह नहीं की जाती।

मेनका गांधी रविवार को जयपुर में दो दिवसीय ऑल इंडिया एडिटर्स कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में मीडिया से बातचीत कर रही थीं। पीसीपीएनडीटी एक्ट और ऑनलाइन वेबसाइट्स द्वारा सोनोग्राफी मशीन बेचने से पैदा हालात के सवाल पर मेनका गांधी ने खुलकर कहा कि कानून से हम कितने लोगों को अपराधी बनाएंगे। हिमाचल में बंदरों के आंतक के सवाल पर मेनका गांधी ने जंगल में आग लगाने के लिए फंड का प्रावधान करने और फलदार पौधे नहीं लगाने पर ब्यूरोक्रेट को बेवकूफ तक कह दिया। मेनका ने कहा कि जंगलों में फलदार पौधे खत्म हो गए तो बंदर आबादी में ही आएंगे। हिमाचल में जंगलों में आग लगाने के लिए सरकार पैसा देती है और यह पैसा वन विभाग के लोग हजम कर जाते हैं।

मेनका गांधी ने कहा कि हर गांव में एक पढ़ी लिखी महिला को पुलिस वॉलंटियर बनाया जाएगा। महिलाओं के प्रति किसी भी तरह के अपराध पर यह पुलिस वॉलंटियर नजर रखेगी और तत्काल मदद करेगी। सरकार पुलिस वॉलंटियर के लिए चयनित महिला को मानदेय, टीए डीए और मोबाइल खर्च देगी।

उन्होंने कहा कि पुलिस में 33 प्रतिशत महिला का आरक्षण की व्यवस्था सात राज्यों में लागू हो चुकी है,अगले पांच वर्ष में पूरे देश में यह व्यवस्था लागू करने का लक्ष्य है।

विरोधी दलों ने कहा था मोदी अल्पसंख्यकों की योजनाएं बंद कर देंगे : नजमा

एडीटर्स कॉन्फ्रेंस में केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने अल्पसंख्कों के प्रति असहिष्णुता के आरोपों को सिरे से नकारते हुए इन आरोपों के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया है।

हेपतुल्ला ने कहा कि मोदी पीएम बनने से पहले चुनावों में कुछ दलों ने यह दुष्प्रचार किया कि मोदी की सरकार बनने पर अल्पसंख्यकों की योजनाएं मंत्रालय द्वारा बंद कर दी जाएगी। लेकिन मोदी सरकार ने तो अल्पसंख्यक कल्याण का बजट बढ़ा दिया है। अभी 3712 करोड़ का बजट है जिसे अगले साल बढ़ाकर पांच हजार करोड़ रुपए कर दिया जाएगा। जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को खत्म करने के सवाल पर हेपतुल्ला ने कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

उन्होंने कहा कि 67 साल का पिछड़ापन एक साल में दूर नहीं हो सकता। वक्फ संपत्तियों पर बड़ी संख्या में कब्जे हैं, कब्जे हटाने के लिए संसद में बिल लाया जा रहा है, इसके पारित होते ही वक्फ संपत्तियों से कब्जे हटाने में आसानी होगी। हेपतुल्ला ने पारसी समुदाय की गिरती जनसंख्या पर कहा कि देश में 69 हजार पारसी बचे हैं। पारसियों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार जीयो पारसी कार्यक्रम चला रही है।


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