Move to Jagran APP

दमन और सम्मान के बीच झूल रहा हूं मैं : शत्रुघ्न सिन्हा

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का कहना है कि वे राजनीति में दमन और सम्मान के बीच झूल रहे हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पांचवे और अंतिम दिन हुए खास सेशन 'खामोश... शॉटगन सिन्हा स्पीक्स ' में खचाखच भरे फ्रंट लॉन में शत्रुघ्न सिन्हा ने कटाक्ष किए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2016 03:49 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2016 11:00 AM (IST)
दमन और सम्मान के बीच झूल रहा हूं मैं : शत्रुघ्न सिन्हा

जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का कहना है कि वे राजनीति में दमन और सम्मान के बीच झूल रहे हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पांचवे और अंतिम दिन हुए खास सेशन 'खामोश... शॉटगन सिन्हा स्पीक्स ' में खचाखच भरे फ्रंट लॉन में शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने बेबाक विचार रखे। उन्होंने इशारों ही इशारों में अपनी पार्टी को लेकर भी कटाक्ष किए।

loksabha election banner

सेशन के दौरान लेखक सुहेल सेठ और कांग्रेसी नेता शशि थरूर के साथ चर्चा में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि एक घड़ी ऐसी भी आई जब मुझे लगा कि राजनीति छोड़ देनी चाहिए। निराशा के माहौल में मैं अपने गुरू लालकृष्ण आडवाणी के पास गया तब उन्होंने 1942 में गांधीजी की कही बात का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी आंदोलन या अभियान को आगे ले जाने के लिए चार दौर से गुजरना पड़ता है। इनमें एक उपहास, दूसरा उपेक्षा, तीसरा तिरस्कार और चौथा दमन का दौर होता है। कोई दमन से आगे निकल गया तो सम्मान उसका कदम चूमेगा। सिन्हा ने कहा कि मैं दमन और सम्मान के बीच झूल रहा हूं।

उन्होंने अच्छे लोगों को राजनीति में नहीं आने की बात को गलत बताते हुए कहा कि राजनीति गंदी है तो साफ करने के लिए अच्छे लोग राजनीति में नहीं आयेंगे तो बुरे लोगों के साथ घुटघुट कर जीना पड़ेगा। सामाजिक जीवन में साफ सुथरेपन का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन में साफ सुथरा रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे लव-कुश और सोनाक्षी इस बात का ध्यान रखती है।

उन्होंने कहा कि राजनीति में दुश्मनी नहीं होती और दुश्मनी इतनी भी नहीं करनी चाहिए कि बाद में दोस्त बन जाए तो शर्मिन्दा नहीं होना पड़े। सिन्हा ने बताया कि राजनीति और फिल्मी क्षेत्र में मेरा कोई गॉड फादर नहीं रहा। मैं खुद के स्वाभिमान और गौरव का ख्याल रखकर राजनीति में हूं।

सेशन के दौरान एक सवाल पूछा गया कि राज्यसभा में पूर्व क्रिकेटर और अभिनेत्री रेखा जैसी सेलिब्रिटीज की काफी कम मौजूदगी से कुछ नहीं होता, यदि कॉलेज में हमारी अटेंडेस 60 प्रतिशत से काम होती है तो हमें परीक्षा से बाहर कर दिया जाता है।

एक ठहाका लगाते हुए सिन्हा ने कहा कि इन सेलिब्रिटीज को टाइम पास के लिए राज्यसभा में लाने से क्या मतलब, ऐसा पहले से होता रहा है, पहले पेंटर एमएफ हुसैन आए थे और सचिन एवं रेखा को ले आए। राज्यसभा में सम्मान के लिए लाया जाता है, लेकिन अब पता नहीं किस का सम्मान बढ़ रहा है इनका या राज्यसभा का।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं मुंबई काण्ड में कई बार गया, मैंने लोगों की मदद की, परिवार के साथ गया मदद करने, लेकिन मैने याकूब मेमन के कागजों पर हस्ताक्षर नहीं किए, इस बारे में अफवाह फैलाई गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.