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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल : पाक से अलग होना चाहते है सिंध प्रांत के लोग

भारत- पाकिस्तान के रिश्तों पर नेताओं और आम लोगों के साथ साहित्यकारों का पक्ष भी उभर कर सामने आ गया, मौका था जयपुर में गुरुवार से शुरू हुए लिटरेचर फेस्टिवल का... जिसमें साहित्यकारों और लेखकों ने भी इस मुद्दे पर अपनी बेबाकी से राय दी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2016 01:37 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2016 01:44 AM (IST)
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल : पाक से अलग होना चाहते है सिंध प्रांत के लोग

जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। भारत- पाकिस्तान के रिश्तों पर नेताओं और आम लोगों के साथ साहित्यकारों का पक्ष भी उभर कर सामने आ गया, मौका था जयपुर में गुरुवार से शुरू हुए लिटरेचर फेस्टिवल का... जिसमें साहित्यकारों और लेखकों ने भी इस मुद्दे पर अपनी बेबाकी से राय दी। हालांकि आतंक के मुद्दे और बढ़ते तनाव को लेकर यहां भी राय बंटी हुई ही नजर आई। वहीं पाकिस्तान के सिंध प्रांत के एक्टिविस्ट का कहना है कि वे पाकिस्तान से अलग होना चाहते है, वे भारत से बातचीत चाहते है। साहित्य के आशियाने में भारत पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर भी काफी विचार-विमर्श हुआ। दोनों देशों के बंटवारे, बढ़ते आतंकवाद के बीच बातचीत और दहशत के माहौल जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए खास सेशन रखा गया जिसमें दोनों ही मुल्कों के लेखकों के साथ बारीकी से इन दोनों देशों के रिश्तों पर नजर रखने वाले साहित्यकारों और लेखकों ने भाग लिया। जहां पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान और सिंध प्रांत से पलायन करने वाले लेखकों की माने तो आतंक को फैलाने वाले कई संघठन ही पाकिस्तान की सरकार का चला रहे हैं ऐसे में चाहे जितनी कोशिश हो जाए दोनों मुल्कों के बीच बातचीत का नतीजा नहीं निकलेगा। पाकिस्तान के हालात से परेशान होकर अमेरिका में बसे सिंध के एक्टिविस्ट सूफी मुनव्वर लाघरी का कहना है कि पाकिस्तान में सिंध प्रांत के लोग भारत के साथ बातचीत चाहते है। वे पाकिस्तान से अलग होना चाहते है।

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एक सेशन में शामिल होने के बाद एक विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी आईएसआई को आतंकी संगठन घोषित कराएं। पाकिस्तान सिंध के लोगों के साथ जुल्म कर रहा है, कब तक सहेंगे, इसलिए वे अपनी बात मोदी से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति तक पहुंचा रहे है।

मुनव्वर के साथ आए दो अन्य पाकिस्तानी एक्टिविस्ट का कहना है कि पाकिस्तान मात्र एक देश भारत से डरता है। दुनिया के बड़े देशों के लिए तो वह हथियार के रूप में काम आता है, इसलिए उनसे डरने का तो प्रश्न ही नहीं है। वहीं पाकिस्तान के हालातों पर करीब से नजर रखने वाले कुछ लोग इस तर्क से इत्तेफाक नहीं रखे। उनकी माने तो पेशावर में स्कूली बच्चों पर हुए आतंकी हमले के बाद सोच के तरीकों में काफी बदलाव आया है और अब वहां के पढ़ लिखे युवा दहशतगर्दों के विरोध में सड़कों पर उतरने लगे हैं। पाक नागरिक मिर्जा इस्माईल ने कहा कि अब युवाओं में आतंक के प्रति बदलाव आया है।

5 दिन में 325 सेशन, दुनिया 325 साहित्यकार होंगे शामिल

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में ही करीब 8000 लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज सुबह डिग्गी पैलेस में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन किया। राजे ने दीप जलाकर लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन किया। आपको बता दें कि साहित्य के इस महाकुंभ में अगले 5 दिनों में 175 सेशन होंगे जिसमें देश विदेश से करीब 325 साहित्यकार शिरकत करेंगे। इनमें कनाडाई कवि और उपन्यासकार मारग्रेट अटवुड, लोकप्रिय लेखक रस्किन बांड, बुकर पुरस्कार विजेता मार्लन जेम्स, अमेरिकी फोटोग्राफर स्टीव मैककरी, हार्वर्ड के इतिहासकार नियाल फरग्युसन और ब्रिटेन के स्टीफन फ्राइ जैसे दिग्गज तो शामिल होंगे ही साथ ही मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मïण्यम, इजराइली लेखक डेविड ग्रॉसमैन, वोस्नियाई अमेरिकी लेखक अलेक्जेंड हेमॉन, आयरिश लेखक कोम ताइबिन और औद्योगिक नीति तथा प्रचार विभाग के सचिव अमिताभ कांत, करण जौहर, फिल्म अभिनेत्री काजोल जैसे लोग भी अपने विचार रखेंगे। लेकिन सबकी नजर इनके साथी बीजेपी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी 'एनीथिंग वट खामोश द शत्रुघ्न बायोग्राफीÓ पर रहेगी जहां उनके कुछ ताजा बयान राजनीति में नया भूचाल ला सकते हैं।


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