गहलोत, पायलट सहित आधा दर्जन जांच के घेरे में
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सचिन पायलट, राज्य के तत्कालीन चिकित्सा मंत्री एमामुद्दीन अहमद (दुरू मियां) सीबीआई जांच के घेरे में है। अहम पदों पर रहे आईएएस एवं आरएएस अफसरों पर भी इस मामले में सरकार की नजर है।
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। केंद्र और राज्य में भाजपा के शासन में आने के बाद राजस्थान के आधा दर्जन दिग्गज नेताओं के विरुद्ध सीबीआई और एसीबी जांच शुरू हुई, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की बीकानेर स्थित जमीन का सौदा भी सरकार ने निरस्त कर दिया यही नहीं राज्य के कई कांग्रेसी नेताओं की माइंस भी बंद हो गई। पिछले कुछ समय से जिन कांग्रेसी नेताओं पर सीबीआई और राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के घेरे में आए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, कांग्रेस सरकार में गृह और स्वायत्त शासन मंत्री रहे शांति धारीवाल, दुरू मियां, रघु शर्मा, बीना काक शामिल है।
एंबुलेंस 108 अनियमितता मामले में राजस्थान की भाजपा सरकार ने 10 जून, 2014 को सीआईडी, सीबी को जांच सौंपी और फिर 28 अगस्त, 2015 से सीबीआई ने जांच शुरू की। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सचिन पायलट, राज्य के तत्कालीन चिकित्सा मंत्री एमामुद्दीन अहमद (दुरू मियां) सीबीआई जांच के घेरे में है। तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार में अहम पदों पर रहे आईएएस एवं आरएएस अफसरों पर भी इस मामले में सरकार की नजर है।
अशोक गहलोत के विरुद्ध पीएचईडी के एक ठेके को लेकर भी जांच की जा रही है। इसी तरह तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार में सबसे वरिष्ठ माने जाने वाले मंत्री शांति धारीवाल को जयपुर विकास प्राधिकरण से सम्बन्धित एक मामले में राज्य भ्रष्टïाचार निरोधक ब्यूरो ने तलब किया है।
अशोक गहलोत के निकट माने जाने वाले वरिष्ठ आईएएस एवं तत्कालीन स्वायत्त शासन सचिव जी.एस. संधु की भी एसीबी को तलाश है, वे फिलहाल फरार चल रहे है। गहलोत सरकार में मंत्री रही बीना काक, रघु शर्मा, भरोसी लाल जाटव, महेन्द्र मालवीया भी विभिन्न मामलों में जांच के घेरे में है। वहीं गहलोत सरकार के दौरान राजस्थान आवासन मण्डल के चेयरमैन रहे परसराम मोरदिया, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नवल किशोर शर्मा के पुत्र ब्रज किशोर शर्मा एवं रघु शर्मा की खानें निरस्त की गई है। कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं की खानों के आवंटन की भी जांच की जा रही है।
वाड्रा से जुड़ी जमीन पर सरकार का कब्जा
करीब दो वर्ष पूर्व राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार बनने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी के जमीनी सौदों की जांच शुरू कर दी। जैसलमेर, बीकानेर में वाड्रा की कम्पनी ने जमीनें खरीदी।
सरकार ने बीकानेर के कोलायत में 360 हैक्टेयर जमीन का सौदा जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग के निर्देशों के बावजूद रद्द कर दिया। इसमें से 74.85 हैक्टेयर जमीन वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटिलिटी की थी, बाद में इस जमीन को बेच दिया गया। अब यह जमीन भी रद्द कर दी गई।