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राजस्थान के कॉलेजों में लगेंगी सेनेटरी नेप्किन वेंडिंग मशीनें

राजस्थान की आधी आबादी अर्थात् महिलाएं जिस पीड़ा से हर माह गुजरती हैं, उसमें बड़ी राहत के लिए राज्य सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। बेटियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कॉलेजों में सेनेटरी नेप्किन उपलब्ध कराने की मशीन लगवाने जा रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2015 04:36 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2015 04:38 AM (IST)
राजस्थान के कॉलेजों में लगेंगी सेनेटरी नेप्किन वेंडिंग मशीनें

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान की आधी आबादी अर्थात् महिलाएं जिस पीड़ा से हर माह गुजरती हैं, उसमें बड़ी राहत के लिए राज्य सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार प्रदेश के 33 जिलों के 821 कॉलेजों की तीन लाख 43 हजार से ज्यादा बेटियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कॉलेजों में सेनेटरी नेप्किन उपलब्ध कराने की मशीन लगवाने जा रही है। महिलाओं में हाइजीन के मुद्दे को प्रमुखता से देखते हुए राज्य सरकार के टेक्नीकल एंड हायर एजुकेशन निदेशालय ने इस प्रोजेक्ट को अप्रूवल दे दी है। इसकी शुरुआत चार जिलों से होगी, जिसके नाम अगले सप्ताह तय हो जाएंगे।

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उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ ही सप्ताह में प्रदेश के कई कॉलेजों में छात्राओं की सुविधा के लिए सेनेटरी नेप्किन वेंडिंग मशीन लगाने का काम शुरू हो जाएगा।

इस काम में सहयोग करने वाली कम्पनी लाइफ केयर लिमिटेड के उपमाहप्रबंधक मोहन दास नायर ने बताया कि सरकार हाईजीन और सेनिटेशन भारत सरकार के स्वच्छ भारत का ही एक हिस्सा है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट प्लान तैयार किया गया है। सरकार ने अप्रूवल दे दी है। अगली बैठक में जिलों पर मुहर और कॉलेजों की लिस्टिंग भी हो जाएगी। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाना है।

राजस्थान की लगभग 3.30 करोड़ में से एक करोड़ महिलाएं सेनेटरी नेप्किन इस्तेमाल नहीं करने के कारण संक्रमण का शिकार हैं।

एक सर्वे के मुताबिक सेनेटरी नेपकिन इस्तेमाल नहीं करने वाली महिलाओं में से 70 फीसदी महिलाएं री-प्रोडक्टिव ट्रैक इंफेक्शन की शिकार हैं। स्कूलों में भी इस तरह की मशीनें लगाए जाने की सबसे ज्यादा जरूरत है, क्योंकि यह स्कूली छात्राओं के लिए यह मामला ज्यादा नाजुक है और झिझक वाला रहता है।


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