मुश्किल में फंसे गहलोत और पायलट
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। आज सीबीआइ ने बहुचर्चित एंबुलेंस घोटाले की जांच को अपने हाथ में ले लिया। इन दो नेताओं समेत दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के बेटों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
नई दिल्ली। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को सीबीआइ ने बहुचर्चित एंबुलेंस घोटाले की जांच को अपने हाथ में ले लिया। इन दो नेताओं समेत दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के बेटों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन के बाद एजेंसी ने इस मामले की जांच राजस्थान पुलिस से अपने हाथ में ले ली है। गौरतलब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पिछले साल इस घोटाले की सीबीआइ जांच के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था। प्रदेश में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद जून में राजस्थान पुलिस ने इस मामले की एफआइआर दर्ज की थी। इसमें अशोक गहलोत, सचिन पायलट और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी रवि के बेटे रवि कृष्णा व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिंदबरम के बेटे कार्ती चिंदबरम का नाम शामिल था।
सीबीआइ के अनुसार इस मामले में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना टेंडर एक फर्म को सौंपने के मामले में कुछ नौकरशाहों और प्राइवेट फर्म के डॉयरेक्टर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है यह पूरा मामला 2010 से लेकर 2013 तक एनआरएचएम के तहत एंबुलेंस खरीदने में हुई धांधली का है। इसमें करीब 2 करोड़ 56 लाख रुपये की गड़बड़ी की गई है।
इसमें जयपुर के मेयर पंकज जोशी की शिकायत पर राजस्थान पुलिस ने जिगित्सा हेल्थकेयर के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इन लोगों के अलावा इस मामले में राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एए खान, तत्कालीन जिगित्सा हेल्थकेयर की सीईओ श्वेता मंगल, केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के पूर्व आर्थिक सलाहकार शफी माथर और एनआरएचएम डॉयरेक्टर जांच के घेरे में हैं।
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