मंद बुद्धि बच्चों का दिमाग ठीक करता है ऊंटनी का दूध
ऊंटनी का दूध अनेक रोगों में फायदेमंद तो होता ही है, साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। ऊंटनी का दूध दिमागी बीमारी में सबसे महत्वपूर्ण हो सकता है। बीकानेर के राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र ने एक अध्ययन कराया है।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। ऊंटनी का दूध अनेक रोगों में फायदेमंद तो होता ही है, साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। ऊंटनी का दूध दिमागी बीमारी में सबसे महत्वपूर्ण हो सकता है। राजस्थान के बीकानेर के राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र ने हाल ही में एक अध्ययन कराया है। इसमें पाया गया है कि ऊंटनी का दूध मंद बुद्धि बच्चों के लिए अमृत के समान है।
राज्य सरकार ने भी ऊंट को राज्य पशु भी घोषित किया है। उधर राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र ने ऊंटनी के दूध से अनेक प्रोडक्ट को भी बाजार में उतारा है और लोगों तक इस फायदेमंद दूध पहुंचाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी कर रहा है।
केंद्र के डायरेक्टर एन.वी. पाटिल ने बताया कि पंजाब के फरीदकोट में स्पेशल चिल्ड्रन के एक केन्द्र में तीन महीने लगातार करीब 10 मंद बुद्धि बच्चों को रोजाना 300 एमएल सुबह और 300 एमएल शाम को ऊंटनी का दूध दिया गया। इन बच्चों में दूसरे मंदबुद्धि बच्चों के मुकाबले ज्यादा ग्रोथ पाई गई। डायबिटीज के मरीजों को भी इसका उपयोग लाभ पहुंचाता है।
एन.वी. पाटिल ने बताया ऊंटनी के दूध की मांग मध्य एशिया और यूरोप में बहुत ज्यादा है। वहीं राजस्थान में ऊंटनी का दूध उपलब्ध होने के बावजूद उसका इस्तेमाल लोग नहीं कर रहे हैं। इसके लिए लोगों को दूध का रख-रखाव, पाश्च्युरीकृत करना और पैकिंग करके मार्केट में बेचने की ट्रेनिंग दी जा रही है। ये लोग ऊंटनी के दूध को स्माल पैकेट में बेच रहे हैं जिसकी कीमत 10 रुपए है। ये दूध खासतौर पर डायबिटीज रोगियों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है।
इन रोगों में भी फायदेमंद
ऊंटनी का दूध मधुमेह, दमा, ऑटिज्म, बच्चों में दूध की एलर्जी, ब्लड प्रेशर सहित विभिन्न रोगों से लडऩे में कारगर साबित हो रहा है। इसके अलावा मलेरिया के लिए भी यह दूध काफी कारगर है। ऊंटनी के दूध में प्रतिरोधक क्षमता बहुत ज्यादा होता है जिसे पीने के बाद लोगों को अनेक रोगों से लडऩे की क्षमता मिलती है।