मंदिरों को तोड़े जाने से संघ नाराज
डेढ़ सौ वर्ष पूर्व जयपुर की स्थापना के समय के मंदिरों को तोड़े जाने से राष्टï्रीय स्वयं सेवक संघ प्रदेश सरकार से काफी नाराज है। संघ की नाराजगी जयपुर के छह विधायकों एवं तीन मंत्रियों से अधिक है।
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। डेढ़ सौ वर्ष पूर्व जयपुर की स्थापना के समय के मंदिरों को तोड़े जाने से राष्टï्रीय स्वयं सेवक संघ प्रदेश सरकार से काफी नाराज है। संघ की नाराजगी जयपुर के छह विधायकों एवं तीन मंत्रियों से अधिक है, इनमें से एक मंत्री तो वे है जिनके विभाग ने ही मंदिर तोड़े है।
संघ की नाराजगी इस हद तक बढ़ गई कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी की सफाई सुनने से तो बिल्कुल ही इंकार कर दिया, परनामी शहर के आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। शनिवार और रविवार को संघ पदाधिकारियों ने बीजेपी अध्यक्ष, मंत्रियों और विधायकों को भारती भवन में तलब कर नाराजगी जताते हुए यहां तक कह दिया कि औरंगजेब सहित अन्य मुगल शासकों के समय भी इस तरह तो मंदिरों को नहीं तोड़ा गया था, अधिकारियों के कहने पर मंदिर तोड़े गए,जबकि प्रदेश अध्यक्ष एवं शहर के तीनों मंत्री संघ के स्वयं सेवक है।
संघ पदाधिकारियों ने विधायकों से पूछा कि शहर से तीन कैबिनेट मंत्री और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के होते हुए इतनी बड़ी संख्या में मंदिर कैसे टूट गए। उन्होंने इसे रोकने पर अब तक कदम क्यों नहीं उठाया।
संघ ने स्पष्टï कह दिया कि अगर मंत्री होते हुए वे इस स्थिति को रोक नहीं सकते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को कहा गया कि मंदिर टूटते रहे और संगठन देखता रहा। यह स्थिति ठीक नहीं है। सांसद रामचरण बोहरा की भी जमकर खिंचाई की।
संघ पदाधिकारियों की भाजपा नेताओं और सरकार से नाराजगी इस हद तक पहुंच गई कि मंदिर हटाने के विरोध में 9 जुलाई को प्रस्तावित चक्का जाम के लिए सहयोग भी नहीं मांगा। वहीं अब विधायकों के लिए असमंजस की स्थिति है कि अपनी ही सरकार के खिलाफ कैसे प्रदर्शन किया जाए। इस मामले में जल्द ही पार्टी के स्तर पर निर्देश जारी होंगे। माना जा रहा है कि कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन में हिंदू जागरण मंच के बैनर तले सड़क पर उतारा जाएगा।
मंदिर शिफ्ट करने के मामले पर सरकार गंभीर : शेखावत
नगरीय विकास मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंदिरों को अन्यत्र स्थापित करने के मामले में गंभीर है। जो मंदिर अन्यत्र स्थापित कर दिए गए हैं, उनके धार्मिक महत्व और वास्तु दृष्टिïकोण को ध्यान में रखते हुए उन्हें सुंदर एवं आकर्षक बनाया जाएगा। मंदिरों के पुरा महत्व को बरकरार रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्टï रूप से निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी धार्मिक स्थल के बारे में कोई भी निर्णय नगरीय विकास मंत्री, क्षेत्रीय विधायक तथा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की सहमति के बिना न लिया जाए। शेखावत ने आश्वस्त किया कि इस मामले में लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। दूसरी ओर मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने तुरंत जेडीए, मेट्रो और जिला प्रशासन के अधिकारियों को तलब किया और इस मामले की पूरी रिपोर्ट ली।