एसएमएस अस्पतालः अॉपरेशन के लिए अटेंडेंट को एक यूनिट खून देना जरूरी
एसएमएस अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग एकमात्र ऐसा विभाग है, जिसमें ऑपरेशन के लिए मरीज के परिजनों को कम से कम एक यूनिट ब्लड देना जरूरी है। डोनर नहीं है, मरीज का ऑपरेशन संभव नहीं है।
जयपुर | एसएमएस अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग एकमात्र ऐसा विभाग है, जिसमें ऑपरेशन के लिए मरीज के परिजनों को कम से कम एक यूनिट ब्लड देना जरूरी है। डोनर नहीं है, मरीज का ऑपरेशन संभव नहीं है। दरअसल अस्पताल प्रशासन और ब्लड बैंक ने इस विभाग के लिए कुछ ऐसा ही नियम बनाया है।
इस मामले में ब्लड बैंक अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में ब्लड की काफी खपत होती है। यदि बिना डोनर ब्लड दिया जाने लगा तो जरूरतमंदों की पूर्ति नहीं हो सकती। यूरोलॉजी विभाग में इस तरह के नियम से ब्लड की काफी आपूर्ति हो रही है। विभाग में रोजाना 20 से अधिक ऑपरेशन होते हैं। साथ ही किडनी ट्रांसप्लांट भी होते हैं। इनमें से किन्हीं मरीजों को ब्लड की जरूरत होती है और किन्हीं को नहीं। लेकिन एक यूनिट ब्लड सभी मरीजों के परिजनों को देना होता है।
डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीजों को दो से तीन यूनिट तक लग जाता है, तो अन्य मरीजों के ब्लड से व्यवस्था की जाती है। किडनी ट्रांसप्लांट और कई गंभीर ऑपरेशन में भी अधिक ब्लड लगता है तो भी विभाग अपने स्तर पर व्यवस्था करता है। यूरोलॉजी विभाग और ब्लड बैंक की इस व्यवस्था से सबसे अधिक परेशानी डोनर कार्ड वाले को होती है। यदि किसी मरीज के परिजन तीन महीने पहले ब्लड डोनेट कर चुके हैं और उनके पास डोनर कार्ड है, तो भी उन्हें ब्लड नहीं मिल सकता। शिविर लगाकर सैकड़ों यूनिट ब्लड देने वालों को भी ब्लड देना ही होता है।