पैसा भी जाएगा और पद भी
प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) निजी हाथों में सौंपे जाने के बाद भी सरकारी पैसे से ही चलेंगे। सरकार निजी सेवा प्रदाता को प्रति पीएचसी सालाना 32 लाख रुपए का भुगतान करेगी, ताकि वह अपने स्टाफ आदि की व्यवस्था कर सके।
जयपुर। प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) निजी हाथों में सौंपे जाने के बाद भी सरकारी पैसे से ही चलेंगे। सरकार निजी सेवा प्रदाता को प्रति पीएचसी सालाना 32 लाख रुपए का भुगतान करेगी, ताकि वह अपने स्टाफ आदि की व्यवस्था कर सके।
सरकार ने पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में पीएचसी को निजी हाथों में सौंपने और वहां लगे स्टाफ को हटाने का फैसला किया था। इससे पीएचसी में लगे चिकित्सक, नर्सिंग व पैरा मेडिकल स्टाफ समेत चिकित्सा विभाग के लगभग 10 हजार कार्मिक तो हटेंगे ही, विभाग की प्रक्रियाधीन भर्ती में शामिल लगभग दस हजार पदों पर भी कैंची चलाई जाएगी।
चिकित्सा विभाग ने पीएचसी को पीपीपी पर देने का जो मसौदा तैयार किया है, उसमें निजी सेवा प्रदाता को प्रति मद दी जाने वाली अधिकतम राशि का उल्लेख है। चिकित्सा अधिकारी के एक पद के लिए सरकार प्रतिमाह 30 हजार रुपए तक भुगतान करेगी। इसी तरह अन्य पदों के लिए भी मासिक अधिकतम भुगतान तय कर दिया गया है।
यह कहा था चिकित्सा मंत्री ने राज्य कैबिनेट की पिछले दिनों हुई बैठक के बाद पीएचसी को पीपीपी पर दिए जाने की घोषणा करते हुए चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा था कि पीपीपी में दिए जाने के बाद पीएचसी से सरकार अपना स्टाफ हटा लेगी।