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गुर्जरों को मिलेगा पांच फीसदी आरक्षण, आंदोलन खत्म

पिछले आठ दिनों से भरतपुर के पीलूपुरा में रेल पटरी और जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर कब्जा जमाए बैठे गुर्जरों को सरकारी नौकरियों में पांच फीसद आरक्षण देने के लिए राजस्थान सरकार तैयार हो गई है। इससे खुश गुर्जर समाज ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 29 May 2015 12:15 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 12:22 AM (IST)
गुर्जरों को मिलेगा पांच फीसदी आरक्षण, आंदोलन खत्म

जागरण संवाददाता, जयपुर। पिछले आठ दिनों से भरतपुर के पीलूपुरा में रेल पटरी और जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर कब्जा जमाए बैठे गुर्जरों को सरकारी नौकरियों में पांच फीसद आरक्षण देने के लिए राजस्थान सरकार तैयार हो गई है। इससे खुश गुर्जर समाज ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी। रेल पटरी और राजमार्ग से प्रदर्शनकारियों के हटने का सिलसिला शुरू होने से यातायात सामान्य होने लगा है।

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गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक किरोड़ी सिंह बैंसला को सरकार की ओर से अनारक्षित 50 फीसद कोटे में से अलग से गुर्जरों को पांच फीसद आरक्षण का प्रावधान करने के प्रस्ताव से जुड़ी चिट्ठी सौंप दी गई।

सरकार ने कहा कि इस संबंध में विधानसभा में विधेयक पास करा कर पांच फीसद आरक्षण का प्रस्ताव केंद्र को 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही देवनारायण बोर्ड के माध्यम से गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए कोष पहले से अधिक बढ़ाया जाएगा।

तीन मंत्रियों के साथ हुई वार्ता

सरकार के तीन कैबिनेट मंत्री राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी और हेम सिंह भड़ाना और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लंबी बैठक में गुर्जर समाज ने सरकार के प्रस्ताव को मान लिया, लेकिन कुछ अन्य मुद्दों को लेकर गतिरोध है।

संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने बताया कि सरकार के प्रस्ताव पर हम सहमत हैं। वार्ता सकारात्मक रही। मालूम हो कि राजस्थान में फिलहाल 50 फीसद आरक्षण है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में आरक्षण 50 फीसद से अधिक भी दिया जा सकता है। गुर्जरों को मनाने के लिए राज्य सरकार ने यही फार्मूला अपनाया है।

हाई कोर्ट की सख्ती पर गुर्जर नरम

आंदोलन को खत्म करने को लेकर सरकार एवं गुर्जर नेताओं ने हाई कोर्ट की सख्ती के बाद नरम रुख अपनाया। कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक एवं मुख्य सचिव को शाम तक रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग खाली कराने के आदेश दिए थे। इसके बाद मौके पर पैरामिलिट्री फोर्स, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी तैनात कर दिए गए। हालात को देखते हुए बैंसला ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। उन्होंने आंदोलनकारियों से कहा कि यदि फोर्स आगे बढ़े तो वे स्वयं ही रेल पटरी व राजमार्ग छोड़कर खेतों में चले जाएं।

कोर्ट में फंस सकता है पेंच

महाराष्ट्र की पिछली कांग्रेस सरकार ने मराठियों और मुसलमानों को पांच-पांच फीसद आरक्षण का प्रावधान किया था लेकिन बांबे हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। राजस्थान में भी 50 फीसद की तय सीमा से अधिक आरक्षण दिए जाने के बाद मामला कोर्ट में जा सकता है।


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