गजेन्द्र की खुदकुशी से हिला पूरा देश, उधर घर में बज रही थी शहनाई
आम आदमी पार्टी की दिल्ली के जंतर मंतर पर हुई रैली में पेड़ पर लटक कर आत्महत्या करने वाले राजस्थान के दौसा जिले में बांदीकुई तहसील के पास नांगलझापरवाड़ा गांव के किसान गजेन्द्र सिंह के घर में आज शहनाई बज रही थी, महिलाएं मंगलगीत गा रही थी।
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। आम आदमी पार्टी की दिल्ली के जंतर मंतर पर हुई रैली में पेड़ पर लटक कर आत्महत्या करने वाले राजस्थान के दौसा जिले में बांदीकुई तहसील के पास नांगलझापरवाड़ा गांव के किसान गजेन्द्र सिंह के घर में आज शहनाई बज रही थी, महिलाएं मंगलगीत गा रही थी। आज ही उसकी दो भतीजी का विवाह होने के कारण बारात के स्वागत की तैयारियों में सभी लगे हुए थे। परिजन ही नहीं बल्कि गांव के सभी लोग बारात पहुंचने पर इंतजार कर रहे थे, इसी बीच गजेन्द्र सिंह के आत्महत्या का समाचार गांव के सरपंच तक पहुंचा तो ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों एवं मीडिया को गांव में प्रवेश ही नहीं करने दिया। घर में विवाह होने के कारण पिता और पत्नी, बच्चों को शाम तक सूचना नहीं दी गई कि उनके घर का गजेन्द्र सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहा।
ग्रामीणों के अनुसार सूचना मिलने के तुरंत बाद मृतक के चाचा सरपंच गोपाल सिंह नांगल, छोटा भाई श्याम सिंह और अन्य परिजन दिल्ली के लिए रवाना हो गए। ग्रामीणों के अनुसार गजेन्द्र सिंह (42) करीबन आठ दस दिन से दिल्ली में ही था। पिता के साथ उसका विवाद भी चल रहा था। उसके गांव में ही 19 बीघा कृषि भूमि है। इसमें इस बार ओलावृष्टिï से करीबन 40 फीसदी फसल खराब हो गई थी। वह बेरोजगार भी था। उसके दो पुत्र और एक पुत्री है। तीनों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे है।
ग्रामीणों का कहना है कि किसान गजेन्द्र को हाइलाइट करने का शौक था। इसकी खास वजह थी साफा। गजेन्द्र को साफा बांधने का जबरदस्त शौक था। इसलिए जब भी मौका मिलता, कहीं भी कोई रैली होती, वह वहां चल पड़ता। रैली में लोगों के साफे बांधता। गांव से जुड़े एक अधिकारी कर्णसिंह राजावत ने बताया कि गजेन्द्र एक मिनट में 20 लोगों के साफे बांध सकता था। इस बात को लेकर न केवल उसे गर्व था, बल्कि लोग भी उसे इसी रूप में पहचानते भी थे। गजेन्द्र का एक भाई दिल्ली आरएसी में है और दूसरा जयपुर में प्राइवेट नौकरी करता है। इधर इस मामले को लेकर प्रदेश में राजनीति भी तेज हो गई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने मृतक के परिजनों को दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा करने के साथ ही पीसीसी पदाधिकारियों को मृतक के गांव भेजा है।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि ओलावृष्टिï से खराब हुई फसलों का मुआवजा अब तक नहीं दिए जाने के कारण किसान परेशान है, आत्महत्या करने को मजबूर है। इधर कलकत्ता दौरे पर गई मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए,इस दुख: की घड़ी में सरकार मृतक के परिवार के साथ है।
मंत्री एवं अधिकारियों की टीम भी मृतक के गांव भेजी जा रही है। समाचार मिलते ही मुख्यमंत्री ने अजमेर सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री सांवर लाल जाट को दिल्ली स्थित अस्पताल भेजकर हालात की जानकारी हासिल की।