न्याय में देरी के लिए सिस्टम जिम्मेदार, जज नहीं : जस्टिस खेहर
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने अदालतों में न्याय में देरी के लिए सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने लंबित मुकदमों के लिए न्यायाधीशों को ही जिम्मेदार बताने पर आपत्ति करते हुए कहा कि इसके लिए वे ही जिम्मेदार नहीं है।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने अदालतों में न्याय में देरी के लिए सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने लंबित मुकदमों के लिए न्यायाधीशों को ही जिम्मेदार बताने पर आपत्ति करते हुए कहा कि इसके लिए वे ही जिम्मेदार नहीं है। कई मुकदमों में समझौता या फैसला हो जाता है लेकिन पक्षकार फिर भी उसे सर्वोच्च अदालतों में चुनौती देते रहते है जिस कारण से विवाद का निपटारा नहीं हो पाता। इसके अलावा कॉरपोरेट घराने, प्रभावशाली लोग और अफसरशाही के चलते भी मुकदमों में जल्द निर्णय नहीं हो पाया। न्यायाधीश खेहर ने यह बात आज जयपुर में नेशनल लॉ कॉन्फ्रेंस 2015 में कही।
जस्टिस खेहर ने कहा, अंबानी, अडानी, टाटा, बिड़ला, सैमसंग, विडियोकॉन और वोडाफोन कंपनियों में प्रतिद्दंतिता के चलते विवाद में अंतिम निर्णय नहीं हो पाता। वकीलों की भी न्यायपालिका और पक्षकारों के प्रति जवाबदेही है। वे केवल एजेंट या सवैट नहीं है बल्कि कोर्ट के ऑफिसर भी है और उन्हें पेशेवर के साथ ही सामाजिक दायित्व भी निभाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चीन में यहां की तुलना में 21 गुना जज है। ऐसे में वे यहां पर 21 गुना जज नहीं मांग रहे, लेकिन मुकदमों के अंबार को देखते हुए अदालतों को जजों की जरूरत है।
कार्यक्रम में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि वे न्यायपालिका को पूरा सहयोग करने के लिए प्रयासरत है और सरकार का कर्तव्य राज्य का विकास करना भी है। सभी को मिलकर काम करना है।
सीएम ने कहा, मई-जून में राजस्व मामलों की लोक अदालत लगाई जाएगी जिसमें तीन लाख मुकदमों को निपटाने के लिए रखा है। यदि एक लाख मुकदमे भी निपटते हैं तो यह उपलब्धि होगा। उन्होंने मुकदमों की मीडिया ट्रायल पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मीडिया की जिम्मेदारी भी बढ़ रही है ऐसे में मुकदमे की मीडिया ट्रायल करना गलत है और एडिटर्स को यह देखना होगा। फैसला होने के बाद ही उसका प्रकाशन हो।
कार्यक्रम में राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुनील अंबवानी ने मुकदमों को तेजी से निपटाने के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने पर जोर दिया। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एमबी लोकुर, अमिताभ रॉय सहित अन्य हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी मौजूद थे।