राजस्थान में प्रत्येक बिजली उपभोक्ता पर 69 हजार का कर्ज
बिजली का बिल समय पर जमा कराने के बावजूद राजस्थान के प्रत्येक उपभोक्ता पर 69 हजार रुपए का कर्ज। ये आंकड़ा उपभोक्ता की गलती से नहीं, बल्कि बिजली कम्पनियों में कुप्रबंधन और भ्रष्टïाचार के चलते जा पहुंचे 90 हजार करोड़ के घाटे के कारण है।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। बिजली का बिल समय पर जमा कराने के बावजूद राजस्थान के प्रत्येक उपभोक्ता पर 69 हजार रुपए का कर्ज। ये आंकड़ा उपभोक्ता की गलती से नहीं, बल्कि बिजली कम्पनियों में कुप्रबंधन और भ्रष्टïाचार के चलते जा पहुंचे 90 हजार करोड़ के घाटे के कारण है। राजस्थान डिस्कॉम्स के दूसरे राज्यों से की गई आर्थिक समीक्षा में ये तथ्य सामने आए। हरियाणा में 43,406, पंजाब में 24,738, उत्तर प्रदेश में 24.198, मध्यप्रदेश में 20,437 रुपए का प्रति कनेक्शन कर्ज है। कर्ज से हर यूनिट पर ब्याज का भार भी राजस्थान में अधिक बैठ रहा है। विद्युत डिस्कॉम अब इस कर्ज को प्रत्येक उपभोक्ता के हिसाब से दर्शाकर बिजली की दरों में बढ़ोतरी की तैयारी में जुटी हुई है। सूत्रों के अनुसार इसे आधार बना बिजली बिल में 15 से 20 फीसदी का इजाफा होगा। समीक्षा में डिस्कॉम्स ने सस्ते बिजली उत्पादन स्रोत, सालाना घाटे के अलावा प्रति यूनिट पर देय ब्याज के हिसाब से अन्य राज्यों की खुद से तुलना कर स्थिति को बयां की है, लेकिन सामने आ चुके घोटालों पर चुप्पी साध रखी है। राज्य के ऊर्जा राज्यमंत्री पुष्पेन्द्र सिंह का कहना है कि बिजली कंपनियों की माली हालत काफी खराब है। अन्य राज्यों से समीक्षा की गई है। पिछले साल तक घाट 77 हजार करोड़ था, जो अब भी ज्यादा होने वाला है। ऐसे में अब बिजली दरों की समीक्षा जरूरी है।
प्रति यूनिट ब्याज भार
राजस्थान 1.81 रुपए
हरियाणा 0.71 रुपए
उत्तर प्रदेश 0.71 रुपए
पंजाब 0.68 रुपए
मध्य प्रदेश 0.39 रुपए
हर साल बढ़ता कर्ज
2008-09 21,404 करोड़
2009-10 32,809 करोड़
2010-11 42,532 करोड़
2011-12 50,781 करोड़
2012-13 63,939 करोड़
2013-14 72,722 करोड़।