फसलों की हालात देख हतप्रभ रह गए अरुण जेटली
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। पिछले दिनों राजस्थान में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से हुए खराब फसलों का जा
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। पिछले दिनों राजस्थान में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से हुए खराब फसलों का जायजा लेने रविवार को एक दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय वित्ता मंत्री अरुण जेटली खराबे के हालात देखकर हतप्रभ रह गए। अपने हालात पर किसान भी उनसे मिले तो रो पड़े।
जेटली ने माना कि अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में यह प्राकृतिक आपदा ज्यादा रही है, फसल लगभग बर्बाद हो गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस प्राकृतिक आपदा से बेहद चिंतित है और केन्द्रीय मंत्रियों को प्रभावित राज्यों में जायजा लेने भेजा है। केन्द्रीय लघु उद्योग मंत्री गिरिराज सिंह के साथ सबसे अधिक प्रभावित कोटा, बूंदी जिलों का हवाई सर्वे करने पहुंचे जेटली ने कहा कि उनके हैलीकाप्टर सर्वे में फसलों की बर्बादी एवं घरों के क्षतिग्रस्त होने की तस्वीरें साफ दिख रही थी।
उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक कहर ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है और आगामी फसल होने तक उनके जीवन निर्वाह की समस्या भी सामने है।
वित्ता मंत्री ने कहा कि नुकसान को उन्होंने स्वयं देखा, जहां तक नजर आये खड़ी फसलें बर्बाद नजर आती है। इसे देखते हुए किसानों के लिए बहुआयामी मदद तब तक मुहैया कराना जरूरी है जब तक वे दुबारा अपने पैरों पर खड़े नहीं हो जाते। जरूरत पड़ने पर नियमों के बाहर जाकर भी मदद करेंगे। केन्द्र सरकार अतिशीघ्र मदद उपलब्ध कराएगी। उन्होंने आपदा राहत नियमों में बदलाव की आवश्यकता बताई। जेटली और गिरिराज सिंह बूंदी जिले के ओलावृष्टि से सर्वाधिक प्रभावित गांव टिमली में प्रभावित किसानों के घर पहुंचकर उनसे रूबरू हुए।
प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद जेटली ने जयपुर में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने जेटली को खराबे की रिपोर्ट सौंपते हुए अधिक मदद देने का आग्रह किया। वसुंधरा राजे ने एसडीआरएफ के प्रावधानों में बदलाव की जरूरत बताते हुए कहा कि मौसम आधारित फसल बीमा योजना में बदलाव कर इसे फसलों को हुए वास्तविक नुकसान एवं फसल की उत्पादकता से जोड़ा जाना चाहिए। इस मौके पर राज्य के आपदा राहत मंत्री गुलाब चंद कटारिया, कृषि मंत्री प्रभूलाल सैनी एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
अशोक गहलोत ने कहा, जेटली इसे गंभीरता से लें
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने आए केन्द्रीय वित्ता मंत्री अरुण जेटली को आगाह किया कि राजस्थान में हालात बहुत गंभीर है, ऐसे में इसे वे गंभीरता से लें। राज्य सरकार को केन्द्र भरपूर मदद करे। राहत देने में सर्वे की निर्णायक भूमिका होती है। राज्य सरकार को टेक्नीकल सर्वे कराने के बजाय मानवीय आधार पर संवेदनशीलता के साथ सर्वे का काम करवाना चाहिए।