भारत के मुसलमान पूरी तरह से राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल: राजनाथ
जयपुर। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि मध्ययुगीन विचारधारा में विश्वास करने वाले संगठन
जयपुर। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि मध्ययुगीन विचारधारा में विश्वास करने वाले संगठन आईएसआईएस की युवा एवं शिक्षित लोगों में अपील वैश्विक चिंता का विषय है। वे गुरुवार को जयपुर में इंडिया फाउंडेशन व सरदार पटेल पुलिस सुरक्षा और आपराधिक न्याय विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठन बहुलता वाले समाज में विश्वास नहीं करते और उदार तथा धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति अत्यंत असहिष्णु होते हैं। ऐसे संगठन इस मूल बात को नहीं समझते कि पंथों और दर्शनों की विविधता मानव की अंतर निहित सुंदरता व्यक्त करती है।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी विविधता को समाप्त करने के लिए घृणात्मक हिंसक तरीकों का सहारा लेते हैं और लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करते हैं। उन्होंने कहा कि आंतकवादी अब अपनी मान्यताओं और अपने कारनामों का प्रचार आधुनिक तकनीकी से कर रहे हैं। वे व्यापक रूप से आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि कोमल मन वाले अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा जा सके।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं पर इस्लामी राज्य का प्रभाव नगण्य है क्योंकि मुट्ठी भर युवा ही आईएसआईएस में शामिल हुए हैं और इनमें से कुछ परिवारों के समझाने-बुझाने के बाद वापस भी आए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आईएसआईएस मुसलमानों को आकर्षित करने में विफल रहा है क्योंकि भारत के मुसलमान पूरी तरह राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल हैं। भारत के मुसलमान देशभक्त हैं और कट्टर पंथी भावनाओं में नहीं बहते। भारत अपनी विविधता पर गर्व करता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि विनाश की ओर ले जाने वाली तकनीक और साइबर स्पेस के बढ़ते उपयोग पर चिंता होनी चाहिए। आज की डिजिटल दुनिया में आतंकवाद का प्रभाव तेजी से फैलता है। उन्होंने कहा कि आज आतंकवादी घर से बाहर निकले बिना ऑनलाइन तरीके से हमले की योजना तैयार कर सकता है।
उन्होंने बताया कि हमने हाल में साइबर अपराध और इसके सूत्रों के सभी संभावित पक्षों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत में अधिकतर आतंकवादी गतिविधियों का स्त्रोत सीमा पार है। यह दुर्भाग्य की बात है कि बड़ी कीमत चुकाने के बावजूद पाकिस्तान और उसके सहयोगियों को यह समझने में कठिनाई हो रही है कि आतंकवादी अच्छे आतंकवादी या बुरे आतंकवादी नहीं होते।
गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को छद्म युद्ध का औजार बनाने पर गंभीरतापूर्वक फिर से सोचे। ऐसा उसके हित में होगा।
आतंकवाद देशों की संप्रभुता का सम्मान नहीं करता
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पिछले कई दशकों से सीमापार से आतंकवाद का सामना कर रहा है। आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती और आतंकवाद देशों की संप्रभुता का सम्मान नहीं करता।