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विदेशी आक्रांता का जवाब है राणा सांगा स्मारक : भागवत

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। चार दिवसीय राजस्थान दौरे पर आए आरएसएस के सरसंघ चालक डॉ. मोहनराव भागवत ने

By Edited By: Published: Sun, 22 Feb 2015 04:53 AM (IST)Updated: Sun, 22 Feb 2015 02:01 AM (IST)
विदेशी आक्रांता का जवाब है राणा सांगा स्मारक : भागवत

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। चार दिवसीय राजस्थान दौरे पर आए आरएसएस के सरसंघ चालक डॉ. मोहनराव भागवत ने शनिवार को भरतपुर में समन्वय बैठक ली। बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री गुलाब चंद कटारिया एवं वासुदेव देवनानी एवं तीन अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। भागवत ने भाजपा, भारतीय मजदूर संघ सहित विभिन्न संगठनों के भावी कार्यक्रमों को लेकर विस्तार से सम्बन्धित पदाधिकारियों के साथ चर्चा की।

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जानकारी के मुताबिक कटारिया ने राज्य सरकार की योजनाओं का विस्तार से ब्यौरा पेश करने के साथ ही आगामी बजट को लेकर भी चर्चा की। वहीं प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के संगठनात्मक मामलों की जानकारी दी।

शुक्रवार को भरतपुर पहुंचे भागवत ने जिले के खानवा गांव में आयोजित समारोह कहा कि जब-जब हम अपने आप को भूले हैं तब-तब हार हुई है। खानवा का युद्ध भारत के स्वभाव का परिचायक है और यहां बना राणा सांगा स्मारक विदेशी आक्रांता के बनाए बुलंद दरवाजे का जवाब। उन्होंने कहा कि राणा सांगा स्मारक को भव्य बनाना चाहिए ताकि नई पीढ़ी भारत के स्वभाव से परिचित हो सके।

संघ प्रमुख ने कहा कि खानवा गांव भारत के इतिहास का मोड़ है। विदेशी आक्रांता बाबर यहां आया तो उससे युद्ध करने के लिए हसन खां मेवाती सहित देश की तमाम रियासतों के राजा और योद्धा महाराणा सांगा के नेतृत्व में एकजुट हो गए थे। इन सब ने भारत मां की तौहीन करने वाले बाबर का विरोध किया। हालांकि बाबर ने हसन खां मेवाती को मुसलमान होने का वास्ता देते हुए साथ देने की बात कही। इस पर हसन खां ने जवाब भेजा कि हमारा मजहब एक हो सकता है, किन्तु आप भारत के विरोधी है। हसन खां मेवाती ने राणा सांगा का पक्ष लेकर भारत के स्वभाव को बताया। यद्यपि इस युद्ध में राणा सांगा की हार हुई थी, किन्तु भारत के इस स्वभाव को बाद में देश के राजाओं ने महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी का साथ देकर जताया था।


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