पाक से आया कांगो का आतंक
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान में दहशत का कारण बना क्राइमीन-कांगो हेमेरेजिक फीवर (सीसीएचएफ) का वा
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान में दहशत का कारण बना क्राइमीन-कांगो हेमेरेजिक फीवर (सीसीएचएफ) का वायरस पाकिस्तान से आया है। अब तक इस फीवर से पांच लोगों की मौत हो चुकी है, करीब आधा दर्जन लोगों के इसकी चपेट में ओर होने की जानकारी सामने आई है। अब तक की जांच में सामने आया कि कांगों के कीटाणु पाकिस्तान से सटे राजस्थान के जोधपुर संभाग में अधिक फैल रहा है। इसका मुख्य कारण पाकिस्तान और भारत के बीच चलने वाली ट्रेन 'थार एक्सप्रेस' एवं पाकिस्तान से आने वाले जानवर विशेषकर ऊंट है। थार एक्सप्रेस में भारत आने वाले यात्री भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर उतरते है और फिर वहीं से देश के अन्य हिस्सों में जाते है। ट्रेन में आने वाले अधिकांश यात्री राजस्थान के जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर एवं पंजाब में जाते है। सीमा सुरक्षा बल ने इसे लेकर पश्चिमी सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया है। इस बीमारी का वायरस पशुओं पर चिपके रहने वाले टिक के जरिए इंसानों में फैलता है, इसलिए बीएसएफ ने अपने ऊंटों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए हैं। सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक रवि गांधी ने बताया कि कॉन्गो बुखार के कीट को लेकर सीमा पर विशेष ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। बीएसएफ ऊंटों और कुत्ताों का खास ध्यान रख रहा है।
नेशनल ट्रेवल हेल्थ नेटवर्क एंड सेंसर की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में पिछले एक साल में सीसीएचएफ के 128 मरीज सामने आए। इनमें 36 की मौत हो गई। अधिकतर मामले सिंध प्रांत के ब्लूचिस्तान में आए। पाकिस्तान केअलावा दक्षिण अफ्रीका, ओमा, जोर्जिया और रूस में भी पिछले दो सालों में कॉन्गो बुखार रिपोर्ट किया गया।
पशु चिकित्सकों ने बताया कि संभवत: पाकिस्तान के पशुओं पर चिपके टिक ने यहां प्रवेश किया है। थार एक्सप्रेस के जरिए भी पाक यात्रियों के साथ इस परजीवी के आने की आशंका है।
जोधपुर में चिकित्सा विभाग के सीएमएचओ डॉ.युद्ववीर सिंह ने बताया कि थार एक्सप्रेस ट्रेन में आने वाले प्रत्येक यात्री की भविष्य में अधिक गहनता से चैकिंग की जाएगी। केन्द्र एवं राज्य सरकार के चिकित्सकों की टीम यहां तैनात की गई है।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अबरार अहमद काजी ने बताया कि कॉन्गो से जुड़े टिक जेनस हेलौमा को लेकर सभी पशु चिकित्साधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है। यह कीड़ा पशुओं में किसी तरह का रोग नहीं फैलाता, लेकिन मनुष्यों के लिए खतरा है। इसके इलाज के लिए आइवर मैक्सीन वैक्सीन निशुल्क दवा योजना में शामिल है। पशुओं में लगे कीड़ों की प्रयोगशाला जांच के लिए कहा है। केन्द्र ने एक हजार कीट एवं अतिरिक्त स्टाफ भेजा है। क्राइमीन-कांगो हेमेरेजिक फीवर के संभावित मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाए जाने के लिए अस्पतालों को राज्य सरकार ने निर्देश दिए है।