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सलमान खान ने पुलिस उपायुक्त को गवाह बनाने की अपील की

जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। फिल्म अभिनेता सलमान खान के खिलाफ 16 वर्ष से जोधपुर कोर्ट में चल रहे हिरण शिक

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 05:49 AM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 02:59 AM (IST)
सलमान खान ने पुलिस उपायुक्त को गवाह बनाने की अपील की

जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। फिल्म अभिनेता सलमान खान के खिलाफ 16 वर्ष से जोधपुर कोर्ट में चल रहे हिरण शिकार आ‌र्म्स एक्ट प्रकरण में एक और गवाह को मुंबई से बुलाने की सलमान खान की अपील पर आज सुबह बहस पूरी हो गई। न्यायाधीश ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में अब गुरुवार को फैसला आने की उम्मीद है। मंगलवार को भी इस मामले में बहस हुई, अंतिम बहस शुरु होने से पूर्व इसमें यकायक नाटकीय मोड़ आ गया। विशेष विमान से अचानक जोधपुर पहुंची सलमान खान की बहन अलवीरा ने अपने वकील हस्तीमल सारस्वत और श्रीकांत सिवदे के माध्यम से एक अर्जी पेश कर मुंबई पुलिस के तत्कालीन उपायुक्त दलवीर भारती को गवाह के रूप में बुलाने का आग्रह किया।

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न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला अनुपमा बिजलानी की अदालत में लगाई गई अर्जी में कहा गया कि वे मामले को लम्बा करना नहीं चाहते, लेकिन न्यायसंगत फैसले के लिए मुंबई में तत्कालीन लाइसेंसिंग अथॉरिटी दलवीर भारती को मुंबई से कुछ दस्तावेज के साथ बुलाना जरूरी है। आज मामले की सुनवाई के दौरान उनकी बहन अलवीरा अदालत में उपस्थित रहीं।

सलमान के वकीलों ने न्यायालय में कहा कि भारती इस मामले में अहम गवाह है। ऐसे में उन्हें बुलाने की अनुमति प्रदान की जाए। वहीं सरकारी वकील का कहना था कि मामले को लम्बा करने के हथकंडे अपनाए जा रहे है। अदालत सलमान को अपनी तरफ से गवाह पेश करने का अवसर प्रदान कर चुकी है। लेकिन उनकी तरफ से गवाह पेश नहीं किए गए। अब जब 16 वर्ष बाद इस मामले में अंतिम बहस शुरू होने को है, तो इसे लम्बा करने को गवाह पेश करने की अर्जी लगा दी गई। न्यायाधीश अनुपमा बिजलानी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1998 में फिल्म हम साथ-साथ है की जोधपुर में शूटिंग के दौरान सलमान खान और इस फिल्म के अन्य कलाकारों पर जोधपुर के आसपास ग्रामीण क्षेत्र में हरिणों का शिकार करने का मामला दर्ज हुआ था। यह मामला उजागर होने के बाद उनकी राइफल और रिवॉल्वर जब्त कर लिए गए थे। जांच में पता लगा कि इन हथियारों को रखने के लाइसेंस की अवधि पूरी हो चुकी है। इनका नवीनीकरण कराया हुआ नहीं था। इस मामले की सुनवाई इस न्यायालय में चल रही है।


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