गहलोत, पायलट, वायलार के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। 108 एंबुलेंस सेवा के टेंडर में 2.56 करोड़ रुपए के गबन की सीबीआई से जांच करान
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। 108 एंबुलेंस सेवा के टेंडर में 2.56 करोड़ रुपए के गबन की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की गई है। राजस्थान पुलिस ने राज्य सरकार को यह सिफारिश की है। इस मामले में आरोपियों में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सचिन पायलट, पूर्व चिकित्सा मंत्री दुर्रु मियां, पूर्व केन्द्रीय मंत्री वायलार रवि के पुत्र रवि कृष्णा, केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व आर्थिक सलाहकार शफी मोतर, पूर्व वित्ता मंत्री चिदंबरम के पुत्र कीर्ति, एनआरएचएम के तत्कालीन निदेशक और जिगित्सा हैल्थ केयर कंपनी की सीईओ श्वेता मंगल शामिल हैं।
राज्य सीबीआई जांच कराने की सिफारिश का कारण सीआईडी-सीबी ने यह बताया है कि टेंडर केन्द्रीय स्तर पर हुआ था और घोटाले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं उनके कई रिश्तेदार शामिल है। इनके अलावा एक अप्रवासी भारतीय भी है, जिसके लिए इंटरपोल के सहयोग की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में यह मामला सीबीआई के अधिकार क्षेत्र का बनता है।
पुलिस महानिदेशक आमेन्द्र भारद्वाज का कहना है कि मामले में भारत सरकार से संबंधित अफसर, पूर्व मंत्री उनके रिश्तेदारों के नाम एफआईआर में हैं। इस कारण हमने सीबीआई जांच की सिफारिश भेजी है।
इधर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि जिसने गलती की है उसे सजा मिलनी चाहिए,चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि यह वसुंधरा सरकार जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि जयपुर के पूर्व महापौर पंकज जोशी ने 13 जुलाई, 2013 को आरोपियों के खिलाफ शहर के अशोक नगर पुलिस थाने में परिवाद दिया।
करीब 11 माह की जांच में अनुसंधान अधिकारी सावंत कुमार ने पाया कि वर्ष 2008 में शुरू की गई एंबुलेंस 108 सेवा का टेंडर ईएमआरआई कंपनी को दिया। छह माह बाद इसका टेंडर निरस्त कर 6 अप्रैल 2010 को नियम विरुद्ध जिगित्सा हैल्थ केयर कंपनी को दिया। इसमें 2.56 करोड़ रुपए का गबन हुआ। आरोप पायलट, रवि कृष्णा, कीर्ति, शफी और श्वेता मंगल पर लगे।