सरकारी डॉक्टर को बताना होगा कौन दे रहा है पैसा विदेश यात्रा का
जयपुर, ब्यूरो। दवा कंपनियों के खर्चे पर विदेश यात्राएं करने वाले डॉक्टरों पर राजस्थान सरकार ने लगाम
जयपुर, ब्यूरो। दवा कंपनियों के खर्चे पर विदेश यात्राएं करने वाले डॉक्टरों पर राजस्थान सरकार ने लगाम कस दी है। अब किसी सरकारी डॉक्टर को विदेश यात्रा पर जाने से पहले यह बताना होगा कि इस यात्रा से क्या फायदा होगा और इस यात्रा का खर्चा कौन उठाएगा।
सम्मेलनों और सेमिनारों पर डॉक्टरों की विदेश यात्राएं सामान्य बात हैं और इनका खर्च भी ज्यादातर दवा कंपनियां ही उठाती हैं। डॉक्टरों की फिजूल विदेश यात्राओं पर अंकुश लगाने के लिए राजस्थान सरकार ने अब नई व्यवस्था लागू कर दी है। हालांकि यह व्यवस्था सिर्फ सरकारी डॉक्टरों पर ही लागू होगी। व्यवस्था के तहत डॉक्टर को विदेश यात्रा पर जाने से पहले एक आवेदन-पत्र भरना होगा और इस आवेदन-पत्र में विदेश यात्रा से संबंधित सामान्य जानकारी के अलावा यह भी बताना होगा कि इसका फायदा क्या मिलेगा, खर्च कौन उठाएगा। साथ में क्या परिवार भी जाएगा।
पिछली यात्रा पर कहां गए थे और उसका क्या फायदा मिला। उस यात्रा का खर्च किसने उठाया। साथ ही डॉक्टर को अपने पेशे से संबंधित जर्नल्स में प्रकाशित पेपर्स की जानकारी भी देनी होगी। डॉक्टर को यह आवेदन अपने नियंत्रणाधिकारी से अग्रेषिषत कराना होगा। यह अधिकारी बताएगा कि वह किस आधार पर विदेश यात्रा की अनुमति दे रहा है और यदि अस्वीकार कर रहा है, तो उसका क्या कारण है। उसे डॉक्टर की गैर मौजूदगी में की जाने वाली वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में भी बताना होगा।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह व्यवस्था दवा कंपनियों की कमीशनबाजी पर रोक लगाने और डॉक्टरों की फिजूल विदेश यात्राओं पर रोक लगाने के लिए लागू की गई है। हालांकि सरकारी डॉक्टर इससे बहुत ज्यादा खुश नहीं हैं।